Delhi CM अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर:कहा- सच्चा था इसलिए भगवान ने साथ दिया; सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति केस में जमानत दी,177 दिन रहे
निराला समाज टीम।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आकर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार (13 सितंबर) शाम करीब 6.15 बजे तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। वे 177 दिन बाद जेल से निकले। इससे पहले आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में केजरीवाल को जमानत दी थी। अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं।
मैं सही था, इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। जेल से बाहर आकर मेरी ताकत 100 गुना बढ़ गई है।
– तिहाड़ से बाहर आकर अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल के खिलाफ 2 जांच एजेंसी (ED और CBI) ने केस दर्ज किया है। ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। AAP ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया है।
शराब नीति केस में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने उन्हें 21 मार्च को अरेस्ट किया था। बाद में 26 जून को CBI ने उन्हें जेल से हिरासत में लिया था।
दो जजों की बेंच जमानत पर एकमत, लेकिन गिरफ्तारी पर अलग राय जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने CBI की गिरफ्तारी को नियमों के तहत बताया।
अदालत ने कहा
‘ED मामले में जमानत मिलने के बावजूद केजरीवाल को जेल में रखना न्याय का मजाक उड़ाना होगा। गिरफ्तारी की ताकत का इस्तेमाल बहुत सोच समझकर किया जाना चाहिए।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा:
1. अगर कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है। जांच के सिलसिले में उसे दोबारा अरेस्ट करना गलत नहीं है। CBI ने बताया है कि उनकी जांच क्यों जरूरी थी।
2. याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं है। CBI ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्हें जांच की जरूरत थी। इसलिए इस केस में अरेस्टिंग हुई।
जस्टिस उज्जवल भुइयां ने कहा:
1. CBI की गिरफ्तारी जवाब से ज्यादा सवाल खड़े करती है। जैसे ही ED केस में उन्हें जमानत मिलती है। CBI एक्टिव हो जाती है। ऐसे में अरेस्टिंग के समय पर सवाल खड़े होते हैं।
2. CBI को निष्पक्ष दिखना चाहिए और हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए ताकि गिरफ्तारी में मनमानी न हो। जांच एजेंसी को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करना चाहिए।