Rajasthan

Delhi Coaching Incident: UPSC स्टूडेंट्स की मौत पर पहली बार बोले ओझा सर, कहा- ‘…वर्ना ऐसा ही होता रहेगा…’

Delhi Coaching Centre Incident: दिल्‍ली के राउज आईएएस स्‍टडी सर्कल में तीन स्टूडेंट्स की मौत ने सबको दुखी कर दिया है. यूपीएससी की तैयारी करने वाले हजारों स्टूडेंट्स, जहां अपने साथियों के इस तरह दम तोड़ने से हैरान हैं. वहीं दूसरी ओर वह जिनकी मोटिवेशनल स्‍पीच देखकर सुनकर यूपीएससी फतह का हौसला रखते थे. उनकी चुप्‍पी से नाराज थे. इसको लेकर तमाम स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर अलग अलग यूपीएससी टीचर्स को निशाना बना रहे थे. इसमें दृष्टि आईएएस के विकास दिव्‍यकीर्ति के अलावा ओझा सर भी शामिल थे. बता दें कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीनों स्टूडेंट्स की मौत पर किसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने से इन स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाना शुरू कर दिया था. जिसके बाद अब ओझा सर की तरफ से इस मामले में एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें उन्‍होंने इस हादसे के शिकार स्टूडेंट्स के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त की है. सरकार से कई मांगे की हैं, तो कुछ पूर्व हादसों की तरफ भी ध्‍यान दिलाकर पूछा है कि आखिर तब क्‍यों नहीं धरना प्रदर्शन हुए?

ओझा सर ने पूछा- क्‍यों होते हैं हादसे?अवध ओझा ने अपने वीडियो में सरकार से इस तरह के मामलों के लिए सख्‍त कानून बनाने की मांग की है. ओझा सर ने वीडियो में कहा कि ”सर्वप्रथम उन सभी दिवंगत छात्रों को श्रद्धांजलि जिन्होंने राजेंद्र नगर की वर्षा जल दुर्घटना में जान गंवा दी. भगवान उनके परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे. इसके आगे वह कहते हैं कि अब सवाल ये नहीं है कि ऐसी घटनाएं कैसी घटती हैं? सवाल यह है कि क्यों घटती हैं. उन्‍होंने सूरत की 24 मई 2019 की घटना की जिक्र करते हुए कहा कि इस हादसे में 22 बच्चे जलकर मर गए. ओझा सर ने पूर्व में मुखर्जी नगर में हुए एक हादसे का हवाला देते हुए कहा कि मुखर्जीनगर में आग लगने पर बच्चों ने बिल्डिंग से कूदकर जान बचाई, जिसे पूरी दुनिया ने देखा. उन्‍होंने कहा कि इधर बच्चे कूदते रहे, उधर लाइव वीडियो चलते रहे. सबने देखा. इसी तरह उन्‍होंने राजकोट के एक गेमिंग जोन हादसे की भी चर्चा की और कहा कि राजकोट गेमिंग जोन में इतने बच्चे मरे कोई नहीं आया. ओझा सर ने आगे कहा कि इसी क्रम में राजेंद्र नगर में घटना घटी, बच्चों की मृत्यु हुई.

संपत्ति सील और आजीवन कारावास की मांगअवध ओझा अपने वीडियो में कह रहे हैं कि मैं बता रहा हूं कि इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं. उन्‍होंने सरकार से इस मामले में कानून बनाने की मांग की और कहा कि सरकार कानून बनाए कि अगर ऐसी जगहों पर बच्चों की मृत्यु होती है तो ये मौतें जिसकी लापरवाही से हुई हों, उसकी संपत्ति सील की जाए. साथ ही उन्‍होंने यह भी मांग की है कि जिस अधिकारी के कार्यकाल में एनओसी दी गई हो, उसकी संपत्ति भी सील की जाए और आजीवन कारवास की सजा दी जाए.

वर्ना ऐसा ही होता रहेगाअवध ओझा ने अपने वीडियो में सख्‍त कानून की वकालत करते हुए चेताया है कि इस पर कानून लाना ही होगा, वर्ना ऐसा ही होता रहेगा. ओझा सर ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में संबंधित प्राधिकरण को घेरकर बोलना होगा कि आगे से बेसमेंट में कोई आदमी ना मिले. उन्‍होंने कहा कि अगली बार ऐसा होता है, तो सरकार ऐसा कानून बनाए, जिससे जिस किसी संस्‍थान या इंस्‍टीटयूट में ऑनर की लापरवाही से ऐसा होता है, तो उसकी संपत्ति सील की जाए. साथ ही उस ऑनर को आजीवन कारावास की सजा दी जाए.

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FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 16:29 IST

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