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दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘द ताज स्टोरी’ पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार

Last Updated:October 29, 2025, 12:51 IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने शकील अब्बास की ‘द ताज स्टोरी’ पर रोक की याचिका खारिज की, जिसमें परेश रावल, सीबीएफसी और केंद्र सरकार पक्षकार थे. फिल्म पर ऐतिहासिक तथ्यों के गलत चित्रण का आरोप है.हाईकोर्ट ने ठुकराई ‘द ताज स्टोरी’ पर तुरंत सुनवाई की मांग, लगे हैं ये आरोपदिल्ली हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिससे देश में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है.

यह याचिका दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता शकील अब्बास ने दायर की थी, जिसमें फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता परेश रावल को पक्षकार बनाया गया है. याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को भी पक्षकार बनाया था. याचिकाकर्ता का दावा है कि फिल्म ताजमहल और उससे संबंधित ऐतिहासिक जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, जिससे जनता के बीच भ्रम फैल सकता है और धार्मिक व साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है.

‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द बंगाल फाइल्स’ का जिक्रयाचिका में यह भी कहा गया कि फिल्म बनाने वाली टीम की पिछली फिल्में राजनीतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती रही हैं. उदाहरण के तौर पर याचिकाकर्ता ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द बंगाल फाइल्स’ का जिक्र किया, जो पहले भी विवादित और राजनीतिक रूप से संवेदनशील रही हैं.

ऐतिहासिक तथ्यों का गलत चित्रण का आरोपशकील अब्बास का तर्क था कि ‘द ताज स्टोरी’ भी उन्हीं उद्देश्यों को लेकर बनाई जा रही है और इसमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. याचिका में फिल्म के ट्रेलर का हवाला देते हुए कहा गया कि ट्रेलर में कई ऐतिहासिक तथ्यों का गलत चित्रण किया गया है.

क्या है मांगयाचिकाकर्ता का कहना था कि सीबीएफसी ने ट्रेलर और फिल्म की सामग्री की जिम्मेदारी से जांच नहीं की, जिससे जनता में भ्रम पैदा हो सकता है. याचिकाकर्ता ने अदालत से फिल्म की सर्टिफिकेशन को दोबारा जांचने की मांग की थी. इसके अलावा यह भी कहा गया कि फिल्म में स्पष्ट डिस्क्लेमर (सावधानी नोटिस) जोड़ा जाए और यदि आवश्यक हो तो कुछ आपत्तिजनक दृश्य हटाए जाएं. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है.

Varsha

न्यूज 18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहीं वर्षा का डिजिटल मीडिया में 8 सालों का अनुभव है। एंटरटेनमेंट रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है। वर्षा ने जामिया मिल्…और पढ़ें

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First Published :

October 29, 2025, 12:51 IST

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हाईकोर्ट ने ठुकराई ‘द ताज स्टोरी’ पर तुरंत सुनवाई की मांग, लगे हैं ये आरोप

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