Delhi NCR Air Pollution 5 Safety Tips for Asthma Patients to Stay Healthy | दिल्ली एनसीआर की जहरीली हवा में अस्थमा के मरीज कैसे रखें खुद को सुरक्षित

Last Updated:November 09, 2025, 18:35 IST
Delhi-NCR Toxic Air Quality: दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. हाल ही में कुछ इलाकों में AQI 500 के आसपास पहुंच गया है. जहरीली हवा सभी लोगों के लिए खतरनाक होती है, लेकिन अस्थमा के मरीजों को इससे सबसे ज्यादा नुकसान है. हवा में मौजूद प्रदूषण के तत्व फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं और सांस की परेशानी बढ़ा देते हैं. ऐसे में अस्थमा से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और पॉल्यूशन से बचने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए.
ख़बरें फटाफट
अस्थमा के मरीज पॉल्यूशन से बचने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें.
Severe Smog in Delhi-NCR: सर्दियों की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर घुल चुका है. पिछले कई दिनों से एयर क्वालिटी लगातार बिगड़ रही है. रविवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में AQI 500 को पार कर गया, जो बेहद खतरनाक स्थिति होती है. दिन-प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण स्तर ने लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल बना दिया है. हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं. इसका सबसे ज्यादा असर अस्थमा (Asthma) के मरीजों पर पड़ता है. अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए यह मौसम किसी चुनौती से कम नहीं होता है. सांस फूलना, खांसी, सीने में जकड़न और छाती से सीटी जैसी आवाज आने जैसे लक्षण पॉल्यूशन में ज्यादा बढ़ जाते हैं. हालांकि कुछ सावधानियों को अपनाकर जहरीली हवा में भी अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है.
नई दिल्ली के जाने-माने पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर भगवान मंत्री ने को बताया कि दिल्ली-NCR में इस समय एयर क्वालिटी बेहद खराब है. ऐसे में अस्थमा के मरीजों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो N95 या N99 मास्क का प्रयोग करें. ये मास्क हवा में मौजूद प्रदूषक कणों को रोकने में मदद करते हैं और फेफड़ों को सुरक्षित रखते हैं. कई बार लोग सोचते हैं कि एयर पॉल्यूशन में घर के अंदर रहना सुरक्षित है, लेकिन अधिकतर घरों में इनडोर पॉल्यूशन होता है. इससे भी अस्थमा के मरीजों को परेशानी हो सकती है. इनडोर पॉल्यूशन से बचने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं. घर में धूल जमने न दें और अगरबत्ती, परफ्यूम या मच्छर अगरबत्ती से भी दूरी बनाएं.
पल्मोनोलॉजिस्ट ने बताया कि अस्थमा के मरीजों के लिए इनहेलर लाइफ सेवर की तरह काम करता है. प्रदूषण के मौसम में डॉक्टर द्वारा बताए गए रिलीवर और कंट्रोलर इनहेलर का उपयोग करना बेहद जरूरी है. इनहेलर फेफड़ों में जाकर सांस की नलियों को खुला रखते हैं और अटैक की संभावना को कम करते हैं. किसी भी दवा को अपने आप बंद न करें, बल्कि डॉक्टर से सलाह जरूर लें. प्रदूषण के इस मौसम में प्राणायाम और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हैं. अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति जैसे योग अभ्यास फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं.
डॉक्टर की मानें तो सर्दी के मौसम में ठंडी हवा अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा देती है. इसलिए शरीर को गर्म रखना जरूरी है. बाहर निकलते समय मफलर, टोपी और स्वेटर पहनें. घर में हीटिंग सिस्टम या गर्म ड्रिंक्स जैसे अदरक की चाय का सेवन करें, जो फेफड़ों में जमी बलगम को साफ करने में मदद करते हैं. प्रदूषण के मौसम में अस्थमा के मरीजों को अपनी कंडीशन पर नजर रखनी चाहिए. अगर लगातार सांस लेने में कठिनाई, खांसी या सीने में जकड़न बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. अपने स्पाइरोमीटर की मदद से फेफड़ों की कार्यक्षमता नियमित जांचें.
अमित उपाध्याय
अमित उपाध्याय Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :
November 09, 2025, 18:35 IST
homelifestyle
दिल्ली-NCR में हवा बेहद जहरीली, अस्थमा के मरीज इन 5 बातों का रखें खयाल



