National

Delhi Liquor Scam: केजरीवाल के खिलाफ CBI की 5 दलील और सुप्रीम कोर्ट ने दे दी अगली तारीख, बताया गिरफ्तारी क्‍यों सही? – delhi liquor scam cbi 5 argument against cm arvind kejriwal supreme court fix next date manish sisodia

नई दिल्‍ली. सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए बचाव किया कि यह जरूरी थी. सीबीआई ने कहा कि उन्होंने आबकारी नीति घोटाले में अपनी भूमिका से जुड़े सवालों के जवाब में टालमटोल और असहयोग का रास्ता चुना. सीएम केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. इसके जवाब में सीबीआई ने कोर्ट में विस्‍तृत हलफनाम दायर किया है. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आबकारी नीति (अब रद्द) के निर्माण में सभी महत्वपूर्ण निर्णय केजरीवाल के इशारे पर तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मिलीभगत से लिए गए थे. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसी दलीलें दीं कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्‍जल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 5 सितंबर 2024 की तिथि तय कर दी.

CBI की पहली दलीलजांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल मामले को राजनीतिक रूप से सनसनीखेज बनाने का प्रयास कर रहे हैं. CBI ने कहा कि सीएम केजरीवाल शराब नीति के निर्माण और उसे लागू करने के आपराधिक साजिश में शामिल थे. जांच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन्‍हें गिरफ्तार करना जरूरी था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि वह जानबूझकर जांच को पटरी से उतार रहे थे.

CBI की दूसरी दलीलसीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि गिरफ्तारी की आवश्यकता रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के आधार पर भी उत्पन्न हुई. अरविंद केजरीवाल ने 25 जून को अपनी पूछताछ के दौरान टालमटोल और असहयोग करने का विकल्प चुना. जांच एजेंसी ने कहा, ‘याचिकाकर्ता (केजरीवाल) का प्रभाव और दबदबा स्पष्ट है और वह न केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते दिल्ली सरकार पर प्रभाव रखते हैं, बल्कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख होने के नाते पार्टी से संबंधित किसी भी या सभी निर्णयों पर भी प्रभाव रखते हैं. अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ उनकी साठगांठ है.’

केजरीवाल ने अभी ही दे दिया दिवाली का तोहफा, 20 हजार से ज्‍यादा को मिलेगी सुविधा, जानें कौन उठा सकता है फायदा

CBI की तीसरी दलीलकेंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी अगली दलील में कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान अरविंद केजरीवाल के सामने संवेदनशील दस्‍तावेज रखे गए और उनका सामना गवाहों से कराया गया. ऐसे में यदि वह जेल से बाहर आते हैं तो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. एजेंसी ने दलील दी कि केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे. ऐसे में उनकी भूमिका को देखते हुए वह अन्य आरोपियों के साथ समानता के हकदार नहीं हैं. खासकर तब जब सरकार और पार्टी के कोई भी या सभी निर्णय केवल उनके निर्देशों के अनुसार लिए गए थे.

CBI की चौथी दलीलसीबीआई ने कहा कि वैसे भी इस मामले में अन्‍य आरोपी को दी गई जमानत का केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई असर नहीं पड़ता है. जांच एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल की जमानत सुनवाई को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी. मुख्‍य गवाहों की गवाही अभी बाकी है. मनीलॉन्ड्रिंग से संबंधित शराब नीति मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के 12 जुलाई के आदेश का सीबीआई के उस मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह मामला भ्रष्‍टाचार से जुड़ा है. मनीलॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था.

CBI की पांचवीं दलीलकेंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि जहां तक मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत के बारे में दावों का सवाल है, तो बीमारियों के संबंध में जेल नियमों और नियमावली के अनुसार तिहाड़ जेल अस्पताल या इसके किसी भी रेफरल अस्पताल में ट्रीटमेंट प्रदान किया जा सकता है. ऐसा पहले से ही किया जा रहा है. याचिकाकर्ता द्वारा मेडिकल आधार पर जमानत पर रिहा किए जाने का कोई मामला नहीं बनाया गया है. ऐसा तभी किया जा सकता है, जब इलाज संभव न हो.

Tags: CBI Probe, CM Arvind Kejriwal, Delhi liquor scam

FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 23:10 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj