Delhi: दिल्ली में 19 DANICS अधिकारियों का ट्रांसफर, हेल्थ डिपार्टमेंट इस बार भी लिस्ट से गायब, देखें तबादलों की लिस्ट
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच दिल्ली सरकार ने गुरुवार को 19 DANICS अधिकारियों का तबादला कर दिया है. दिल्ली सर्विस डिपार्टमेंट की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में 19 अलग-अलग विभागों में कार्यरत 19 स्पेशल सेक्रेटरी, स्पेशल कमिश्नर, डिप्टी सेक्रेटरी और रजिस्टार सहित कई विभागों के वरीय अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है. दिल्ली सर्विस डिपार्टमेंट की तरफ से अधिकारियों के तबादले का नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से ड्यूटी संभालने का भी निर्देश भी जारी किया गया है. इसमें खास बात यह है कि दिल्ली की चरमराती हेल्थ व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारियों, मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट का नाम शामिल नहीं है.
सर्विस डिपार्टमेंट ने गुरुवार को ट्रांसफर एक नोटिफिकेश जारी किया है, जिसमें सारे दानिक्स कैडर के अधिकारी शामिल हैं. 1996 बैच के दानिक्स अधिकारी संजीव कुमार जो पोस्टिंग के इंतजार में थे, उन्हें स्पेशल सेक्रेटरी रिफॉर्म बनाया गया है. वहीं, 2001 बैच के दानिक्स अधिकारी विश्वेंद्र को स्पेशल कमिश्नर ट्रांसपोर्ट और जनरल मैनेजर डीटीसी बनाया गया है. इसी तरह 2001 बैच के ही एसएस परिहार को स्पेशल सेक्रेटरी फाइनेंस एवं प्लानिंग बनाया गया है. वहीं 2007 बैच के तनवीर अहमद को डिप्टी कमिश्नर एक्साइज बनाया गया है.
सर्विस डिपार्टमेंट ने गुरुवार को ट्रांसफर एक नोटिफिकेश जारी किया है.
दिल्ली में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का ट्रांसफरइस ट्रांसफर लिस्ट में कुल 19 अधिकारियों के नाम हैं, जिनको नए विभाग का जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा गया है. लेकिन, दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग में तैनात सालों से तैनात मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है. जबकि, दिल्ली के तकरीबन दो दर्जन से भी अधिक अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट एक अस्पताल में चार साल से भी ज्यादा समय से प्रशासनिक पदों पर बैठे हैं.
हेल्थ डिपार्टमेंट का लिस्ट गायबदरअसल, दिल्ली सरकार के 50 से अधिक अस्पतालों के दर्जनभर एमडी और एमएस पिछले 3-4 सालों से अस्पतालों के हेड बन कर बैठे हैं. इन अस्पतालों की हालत यह हो गई है कि न दवा मिल रही है और न ही मरीजों का ठीक से इलाज ठीक से हो रहा है. दिल्ली में प्रदूषण का विकराल रूप के बाद भी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों से दवा गायब हैं. कहा जा रहा है कि एडमिनिस्ट्रेटिव पदों पर बैठे ये डॉक्टर और ठेकेदारों के नेक्सस का खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है.
खासकर दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल लोक नायक, जीबी पंत और दीन दयाल जैसे अस्पतालों की हालत तो और खराब होती जा रही है. इन अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट बीते 4 साल से भी अधिक समय से एक ही पद पर बने हुए हैं, जो केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) गाइडलाइंस का खुलमखुल्ला उल्लंघन है.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 23:58 IST