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रवि पायक/भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में गर्मी ने जोरदार दस्तक दी है. शुरुआती दौर में ही गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं. इसके चलते लोग अब अपने गले को तर करने के लिए सबसे पहले साधन के रूप में देसी फ्रिज को लेने लगे हैं. गर्मियों के चलते शहरवासियों को देसी फ्रिज रास आ रही है. भीलवाड़ा में सड़क के किनारे मिट्टी के मटकों की स्थाई दुकान लगी हुई है. जहां डिजाइनर और क्वालिटी के हिसाब से ग्राहकों को मटके पसंद आ रहे हैं.
बदलते दौर के साथ गरीबों का देसी फ्रिज मटके का स्वरूप भी बदलने लगा है. बाजारों में मिट्टी की पानी की बोतल और मिट्टी के जग भी मिल रहे हैं. भीलवाड़ा में विशेष तौर पर अहमदाबाद, ब्यावर, संग्रामगढ़ सहित स्थानीय मटकियों के अच्छी मांग हो रही है. फ्रिज के मुकाबले यह मटकिया हेल्थ को प्रभावित नहीं करता है. इसके अलावा इसकी मजबूती को रखने के लिए लकड़ी के डंडे की चोट पर इसकी बिक्री की जाती है
शरीर में भी ठंडक पहुंचाती है यह मटकी
मटकी बेचने वाली तारा देवी ने कहा कि गर्मी अब तेज होने लगी है. इसके साथ ही मिट्टी की बनने वाली मटकी की मांग भी बढ़ी गई है. भीलवाड़ा में विशेष तौर पर चार प्रकार की मटकिया आ रही हैं. जिसमें गुजरात के अहमदाबाद, ब्यावर, संग्रामगढ़, मण्डल सहित स्थानीय मटकिया शामिल है. इनकी खासियत यह है कि गर्मी में यह पानी को शीतल और ठंडा रखती है. इसके कोई नुकसान भी नहीं है और यह शरीर में भी ठंडक पहुंचाती है.
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50 रुपए से लेकर 500 तक की है मटकी
फ्रिज के मुकाबले यह मटकी कई गुना सस्ती मिलती है. फ्रिज में बिजली का बिल भी बहुत ज्यादा आता है और फ्रिज का पानी पीने से गला भी खराब हो जाता है. मटकी से ना तो बिजली का बिल आता है ना ही इसके पानी से कोई नुकसान होता है. इस बार मिट्टी से बनी बोतल और पानी के जग भी लोग ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं. वहीं, अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो हमारे पास 50 से लेकर 500 रुपये तक की विभिन्न तरह की क्वालिटी की मटकी मिल रही है.
सर्दी के मौसम में तैयार की जाती है मटकी
भागचंद का कहना है कि यह मटके सर्दी के मौसम में तैयार किए जाते हैं. जिनका उपयोग लोग फ्रिज के रूप में करते हैं. यहां पर गरीब लोगों का फ्रिज सर्दी में बनने वाला मटका ही होता है. जिसकी उम्र करीब 1 साल से ज्यादा होती है. हमारे हाथ से तैयार किए गए मटके लकड़ी से पकाए जाते हैं. सर्दी के मौसम में बनने वाले इन मटको को लाल और काली मिट्टी से तैयार किया जाता है. सर्दी में मटके बनाए जाने के कारण उनका पानी भी बहुत अधिक ठंडा रहता है.
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FIRST PUBLISHED : April 14, 2024, 12:19 IST