Rajasthan

Demand of doctors, residents, nursing personnel to make SMS a referral | विरोध के बीच मरीजों को राहत देने की कवायद,चिकित्सा मंत्री लेंगे बैठक

डॉक्टर्स,रेजीडेंट,नर्सिंगकर्मियों की एसएमएस को रेफरल सेंटर बनाने की मांग

जयपुर

Published: April 19, 2022 11:15:28 am

जयपुर
एसएमएस अस्पताल में प्रदेश के मरीजों को फ्री आइपीडी और ओपीडी की सुविधा मिल सके इसके लिए मरीजों को राहत देने की कवायद शुरू हो गई है। लेकिन इसी के बीच विरोध भी शुरू हो गया है।
डॉक्टर्स,रेजीडेंट,नर्सिंगकर्मियों ने व्यवस्थाओं में बदलाव किए जाने का विरोध तो किया है लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर अस्पताल प्रशासन को सुझाव भी दिए है।

SMS Hospital

SMS Hospital

इसमें डॉक्टर्स,रेजीडेंट,नर्सिंगकर्मियों ने एसएमएस को रेफरल सेंटर बनाने की मांग करने का सुझाव दिया है जिससे की मरीजों को भार कम हो।
मरीजों की ओर से मिली अनियमितताओं की शिकायत की बाद आज फिर से चिकित्सा मंत्री प्रसारी लाल मीणा एसएमएस अस्पताल में पहुंचकर बैठक लेंगे और इस दौरान समस्याओं को दूर करने और मरीज की सुविधाओं के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से तैयार किए गए एक्शन प्लान पर चर्चा करेंगे।
हालांकि चिकित्सा मंत्री के साथ आज होने वाली बैठक से पहले सोमवार को अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सभी एचओडी,नर्सिंग स्टाफ,रेजीडेंटस व अस्पताल के प्रशासनिक कामकाज से जुड़े डॉक्टर्स की बैठक ली।

यह मिले सुझाव
डॉक्टर्स,रेजीडेंट,नर्सिंगकर्मियों ने अस्पताल प्रशासन की ओर से किए गए तबादलों और व्यवस्थाओं में बदलाव को लेकर आदेशों का विरोध किया। साथ ही आदेशों की पालना के लिए संसाधनों को बढ़ाने की मांग की। लेकिन इस दौरान सभी ने व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर यह सुझाव दिए।

.एम्स की तर्ज पर बने नर्सिंगकर्मियों का ड्यूटी रोस्टर चार्ट .इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए डॉक्टर्स की टीम बनाई जाए जो इमरजेंसी में मरीज के भर्ती होने से पहले ही उसे देख तय करें कि वह आपातकालीन में इलाज के लिए है या नहीं।

.अस्पताल में रोजाना करीब दस हजार की ओपीडी है ऐसे में इसे सिर्फ रेफरल सेंटर ही बनाया जाए।

.सीनियर फैकल्टी और डॉक्टर्स की ड्यूटी तय की जाए और उन्हें वार्ड और ड्यूटी के दौरान मरीजों को संभालने के लिए पाबंद किया जाए। .दवाईयों की उपलब्धता का पता लगाने के लिए पूरे डीडीसी केंद्रों का डिजिटलाइजेशन किया जाए।

.जो दवाई अस्पताल में उपलब्ध नहीं है तो एक मास्टर डीडीसी पर ऐसी दवाइयों की उपलब्धता निश्चित की जाए।
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