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FIFA World Cup 2022 more than two thirds of the world footballs are made in Pakistan Sialkot | FIFA 2022 : पाकिस्तान में बनती हैं दुनिया की दो-तिहाई से अधिक फुटबॉल

एक दिन में महज 480 रुपये ही कमा पाते हैं कारीगर

एक पूरी गेंद की सिलाई करने में करीब तीन घंटे लग जाते हैं। यह काफी मेहनत का काम है और एक महिला दिन में तीन गेंद की सिलाई ही पूरी कर पाती है। इस तरह वह एक दिन में करीब 480 और महीने में करीब 9,600 रुपए कमा पाती है। इस लिहाज से इस काम में मेहनत ज्यादा और कमाई काफी कम है।

सस्ती गेंद बनाने में चीन के सामान का इस्तेमाल

फुटबॉल बनाने के लिए सिंथेटिक चमड़े का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए जरूरी सामान यानी कपास, पॉलिएस्टर, पॉलीयुरेथेन और अन्य चीजें अलग-अलग देशों से आती हैं। वहीं, सस्ती फुटबॉल बनाने के लिए चीन से आई सामग्री का उपयोग किया जाता है।

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fifa-world-cup-2022.jpgद. कोरियाई, जापान के सामान से महंगी गेंद

दक्षिण कोरियाई सामग्री का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाली गेंदों के लिए किया जाता है। वहीं, जर्मनी की सबसे बड़ी लीग बुंदेसलिगा के अलावा अन्य यूरोपीय लीग में इस्तेमाल होने वाली फुटबॉल तैयार करने के लिए जापानी सामान का इस्तेमाल किया जाता है।

महिलाएं करती हैं गेंद की सिलाई

रिपोर्ट के मुताबिक, सियालकोट में करीब 60 हजार से ज्यादा लोग फुटबॉल बनाने के काम से जुड़े हैं। यहां 80 फीसदी फुटबॉल में हाथ से सिलाई की जाती है। दरअसल, सिलाई वाली गेंदें ज्यादा स्थिर होती है और मशीनों से सिली जाने वाली गेंदों की तुलना में अधिक टाइट होती हैं।

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