Rajasthan

जयपुर का संगीतकार, जिनकी कटोरियों से निकलती है जादुई धुन, सुनने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग

Last Updated:April 18, 2025, 17:39 IST

गणेश लाल महावर, जयपुर के प्रसिद्ध बॉउल इंस्ट्रूमेंट कलाकार, अपनी मधुर धुनों से लोगों को मंत्रमुग्ध करते हैं. उन्होंने इस कला को अपने गुरु से सीखा और अब अन्य लोगों को भी यह कला सिखाते हैं, जो सुलभ और सरल है.X
जयपुर
जयपुर के एक प्रदर्शनी में बॉउल इंस्ट्रूमेंट बजाते गणेश लाल महावर। 

अंकित राजपूत/ जयपुर- जयपुर, जो अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है, वहीं इसके कलाकारों की कला भी विश्वभर में मशहूर है. इनमें से एक नाम है गणेश लाल महावर, जिनका बॉउल इंस्ट्रूमेंट बजाने का अंदाज लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है. गणेश सालों से इस अनूठे इंस्ट्रूमेंट को बजा रहे हैं और राजस्थान के विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं.

बॉउल इंस्ट्रूमेंट की कला और उसका संगीतगणेश महावर ने बॉउल इंस्ट्रूमेंट बजाना अपने गुरु से सीखा और अब वह इस कला को दूसरों को सिखाते हैं. उनका कहना है कि भारतीय संगीत में विभिन्न प्रकार के इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं, लेकिन बॉउल इंस्ट्रूमेंट की खासियत यह है कि यह चीनी मिट्टी की कटोरियों से बजता है, जो एक अनोखी और मधुर धुन निकालता है. गणेश बताते हैं कि जब बॉउल इंस्ट्रूमेंट और तबले का तालमेल होता है, तो वह संगीत का जादू बना देता है, जो श्रोताओं को बहुत पसंद आता है.

जलतरंग की अनूठी धुनगणेश महावर के अनुसार, बॉउल इंस्ट्रूमेंट में कटोरियों को पानी से भरकर उनका प्रयोग किया जाता है, जिसे संगीत की भाषा में जलतरंग कहा जाता है. कटोरियों के आकार और पानी की मात्रा के हिसाब से विभिन्न धुनें उत्पन्न होती हैं. इसके अलावा, लकड़ी की अलग-अलग स्टिक का प्रयोग भी इन धुनों को और भी शानदार बनाता है. गणेश के अनुसार, जब वह इस कला को मंच पर प्रस्तुत करते हैं, तो दर्शक उनकी धुनों में खो जाते हैं और अक्सर वीडियो बनाने के लिए उत्साहित हो जाते हैं.

बॉउल इंस्ट्रूमेंट सीखने की सरलतागणेश महावर का मानना है कि बॉउल इंस्ट्रूमेंट सीखना काफी आसान है. इसके लिए किसी महंगे इंस्ट्रूमेंट की आवश्यकता नहीं होती. बस आपको कुछ कटोरियां और स्टिक चाहिए, कोई भी इसे सीख सकता है. उनके अनुसार, यह कला सभी के लिए सुलभ है और वह इसे अपने अनुभव और ज्ञान से अन्य लोगों को भी सिखाते हैं.

गणेश महावर का योगदान राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को और भी मजबूत करता है, उनकी कला आज भी लाखों लोगों के दिलों में अपनी मधुर धुनों के साथ समाई हुई है.

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

April 18, 2025, 17:39 IST

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जयपुर का संगीतकार, जिनकी कटोरियों से निकलती है जादुई धुन, सुनने के लिए दूर-दूर

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