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Dev Diwali 2025: देव दिवाली पर धारण करें पीला वस्त्र, इस विधि से करें पूजा-अर्चना, बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा

Last Updated:November 01, 2025, 06:49 IST

Dev Diwali 2025: इस साल देवउठनी एकादशी दो दिन 1 और 2 नवंबर को मनाई जाएगी. करौली के ज्योतिषी पं. मनीष उपाध्याय के अनुसार, यह तिथि 1 नवंबर सुबह 9:12 बजे से 2 नवंबर शाम 7:32 बजे तक रहेगी. 1 नवंबर को स्मार्त संप्रदाय और 2 नवंबर को वैष्णव संप्रदाय देवउठनी एकादशी मनाएंगे. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. व्रत करने वालों को पीले वस्त्र धारण कर भगवान नारायण की आराधना करनी चाहिए.

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करौली. हिंदू धर्म में दीपावली के बाद आने वाले सबसे बड़े पर्व देवउठनी एकादशी को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दिवाली की तरह ही देवउठनी एकादशी भी इस बार दो दिन मनाई जाएगी. मान्यता के अनुसार, इस तिथि वाले दिन भगवान विष्णु चार महीने की शयन निद्रा से जागते हैं और संपूर्ण सृष्टि का भार अपने हाथों में लेते हैं. हिंदू धर्म में इस तिथि को देवताओं का सबसे बड़ा पर्व माना गया है. आइए जानते हैं, इस बार देवउठनी एकादशी कब से शुरू होगी.

धर्मनगरी करौली के कर्मकांड ज्योतिषी पं. मनीष उपाध्याय के अनुसार, इस बार देवउठनी एकादशी का पर्व 1 नवंबर को प्रारंभ होगा. यह तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:12 बजे से प्रारंभ होकर 2 नवंबर की शाम 7:32 बजे तक रहेगी. उनका कहना है कि 1 नवंबर को स्मार्त संप्रदाय के लोगों की और 2 नवंबर को वैष्णव संप्रदाय के लोगों की देवउठनी एकादशी रहेगी.

चातुर्मास के दौरान नहीं होता है शुभ कार्य

उपाध्याय बताते हैं कि इस दिन भगवान नारायण चार महीने की निद्रा का परित्याग करते हैं और संपूर्ण सृष्टि का भार अपने हाथों में ले लेते हैं. जब भगवान नारायण शयन काल में रहते हैं तो उस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है. उनका कहना है कि चातुर्मास के दौरान हिंदू धर्म में सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है और देवउठनी एकादशी के बाद ही सभी मांगलिक कार्य आरंभ होते हैं. उपाध्याय बताते हैं कि सनातन धर्म में इस तिथि का बहुत बड़ा महत्व है. विशेष रूप से देवताओं के लिए यह अत्यंत पावन पर्व है. इसलिए जितना महत्व हिंदू धर्म में दीपावली का होता है, उतना ही महत्व देवउठनी एकादशी का भी रहता है. इसी कारण इसे देव दिवाली कहा जाता है.

एकादशी के दिन पीले वस्त्र का करें धारण

पं. उपाध्याय के अनुसार, इस तिथि से एक दिन पूर्व दशमी तिथि को कम भोजन करना चाहिए. संभव हो तो उस रात्रि फल और दूध का ही सेवन करना चाहिए. इससे एकादशी वाले दिन स्वास्थ्य अच्छा रहता है और व्रत सफल होता है. देवउठनी एकादशी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इस दिन केवल पीले वस्त्र ही धारण करने चाहिए, क्योंकि भगवान नारायण को पीले वस्त्र अत्यंत प्रिय है. शरीर पर द्वादश स्थानों पर तिलक लगाना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु की आराधना करें. इस दिन गोपाल सहस्त्रनाम, विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ और अधिक से अधिक कीर्तन करना शुभ माना जाता है.

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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें

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Karauli,Rajasthan

First Published :

November 01, 2025, 06:49 IST

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देव दिवाली पर पीला वस्त्र धारण कर करें ये उपाय, बरसेंगे भगवान विष्णु की कृपा

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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