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Diwali 2025:राजस्थान के बाजारों में दिखा “स्वदेशी अपनाओ” संदेश का असर, 200 से ज्यादा तरह के मिट्टी के दीपक बने लोगों की पसंद

Last Updated:October 11, 2025, 20:10 IST

Diwali 2025: दीपावली की रौनक इस बार पाली और जोधपुर की माटी से सजे दीयों से बढ़ गई है, पीएम मोदी के “स्वदेशी अपनाओ” संदेश का असर राजस्थान के बाजारों में साफ झलक रहा है. स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइन वाले 200 से अधिक प्रकार के मिट्टी के दीपक लोगों की पहली पसंद बन गए हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से लेकर गलियों तक, स्वदेशी दीयों की मांग ने न सिर्फ बाजारों को रोशन किया है.

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पाली. दीपावली के त्योहार पर बिकने वाले मिट्टी के वे खास दीपक, जिनसे अपने देश की माटी की खुशबू पूरे घर को रोशन करने के साथ ही महका देती है, इस बार भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “स्वदेशी अपनाओ” संदेश का असर राजस्थान में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. दीपावली से पहले बाजारों में मिट्टी के दीयों की खरीदारी में जोरदार तेजी आई है. विदेशी सजावटी वस्तुओं की तुलना में अब आम लोग स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं.

इस बार दीपावली पर पाली और जोधपुर के नागरिकों ने 200 से अधिक प्रकार के पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइन वाले मिट्टी के दीपकों से अपने घरों को रोशन करने का निर्णय लिया है. स्वदेशी अपनाने की यह लहर न केवल प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से जुड़ी है, बल्कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा हाल ही में दिए गए संदेश ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. खास बात यह भी है कि इस बार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी मिट्टी के दीपकों की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है. कई दुकानदार लगभग 200 प्रकार के अलग-अलग डिज़ाइन वाले दीपकों को ऑनलाइन माध्यम से भी बेच रहे हैं.

लॉकल व्यापारियों के ऑनलाइन भी बिक रहे मिट्टी के दीपक राजस्थान के बाजारों में स्वदेशी उत्पादों को लेकर गहरा असर दिखाई दे रहा है, और लोग उत्साहपूर्वक स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीयों की खरीद कर रहे हैं. बरसों से मिट्टी के दीये बेचने वाले हरीश कुम्हार ने बताया कि दीयों की बढ़ती मांग ने हम कारीगरों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है और हमारी आय में भी वृद्धि हुई है. साथ ही, ऑनलाइन दीपकों की भी अच्छी-खासी मांग देखी जा रही है. कई लोग घर बैठे ही ऑनलाइन ऑर्डर कर मिट्टी के दीपक मंगवा रहे हैं. वॉट्सऐप से लेकर अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक, व्यापारी ऑर्डर लेकर लोगों के घरों तक मिट्टी के दीपक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

200 से 250 तरह के मिट्टी के दीपक की वैरायटी खरीदारी करने वाले लोग भी कहते हैं कि यह बहुत अच्छी बात है कि अब मिट्टी के आइटम्स का उपयोग बढ़ रहा है. भारत की परंपरा रही है कि अपने देश में बने उत्पादों का विशेष महत्व होता है, जिनमें मिट्टी के दीपक खास स्थान रखते हैं. लोगों का मानना है कि बाहर के उत्पादों को अपनाने से अच्छा है कि हम भारत की मिट्टी को ही अपनाएं. व्यापारी हरीश बताते हैं कि हम पूरी तरह स्वदेशी माल ही बनाते हैं, वह भी अपने हाथों से. इस बार लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. हम चाहते हैं कि हमारे देश के लोग अपने देश की मिट्टी से बने दीपक ही खरीदें, हमारे पास 200 से 250 तरह की वैरायटी के मिट्टी के दीपक उपलब्ध हैं.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

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First Published :

October 11, 2025, 20:08 IST

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ऑनलाइन से ऑफलाइन तक छाए स्वदेशी दीये, अच्छी बिक्री से पाली के कुम्हार खुश

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