Rajasthan

विष्णु के अवतार देवनारायण, पहाड़ चीरकर कमल के फूल में अवतरित हुए थे, प्रसाद में चढ़ता है अनाज

भीलवाड़ा. हिंदुओं के 33 करोड़ देवी देवता. सबकी अपनी अपनी मान्ताएं. भक्तों की आस्था के अपने अपने तरीके. इन्हीं में से है एक हैं भगवान देवनारायण जो गुर्जर समाज के आराध्य देव हैं. उनकी जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी मंदिर में अनवरत भंडारा चलता है. भक्त यहां इस भंडारे के लिए प्रसाद के तौर पर अनाज लाते हैं. इससे सैकड़ों श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन प्रसाद के रूप में करवाया जाता है. भंडारे के लिए ट्रेलर में करीब 336 बोरी लायी गयी हैं.

मालासेरी डूंगरी मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने जानकारी दी कि मालासेरी डूंगरी मंदिर परिसर में अनवरत चलने वाले भंडारे के लिए मध्य प्रदेश, झालावाड़ और हाडोती के कोटा, बारां जिले से देव भक्तों ने 336 गेहूं की बोरी भेंट की हैं. हर साल भक्तों को प्रसाद के रूप में निशुल्क भोजन करवाया जाता है. इसके लिए अलग-अलग राज्यों और प्रदेशों से भक्त गेहूं भेंट करते हैं. इसी गेहूं की रोटियां बनाकर भक्तों को खिलाई जाती हैं. भगवान को भोग भी इसे ही लगाया जाता है.

भगवान विष्णु के अवतार हैं देवनारायणभीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत में मालासेरी डूंगरी मंदिर है. इस मंदिर के महंत हेमराज पोसवाल देवनारायण भगवान की कहानी सुनाते हैं. वो बताते हैं कलयुग के प्रथम चरण में भगवान विष्णु विक्रम संवत 968 में मालासेरी डूंगरी पहाड़ चीरकर कमल के फूल में देवनारायण के रूप में अवतरित हुए थे. श्री देवनारायण ने जन कल्याण के लिए सभी जातियों का उद्धार किया.

अनाज का प्रसादभगवान विष्णु के शेषनाग की गुफा भी यहां बनी हुई है. मान्यता है भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के रूप में नीले रंग के घोड़े लीलाधर ने भी यहां जन्म लिया था. श्री देवनारायण भगवान के भक्त दूर दूर से यहां आते हैं. यहां प्रसाद के रूप में अनाज चढ़ाते हैं.

FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 20:50 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj