बाबा श्याम का नया स्वरूप, भक्तों को मिले दिव्य दर्शन, फूलों से किया गया श्रृंगार

Sikar: विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम ने अपने भक्तों के लिए नया स्वरूप धारण किया है. अब कुछ दिनों के लिए बाबा श्याम अपने मूल स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे. श्री श्याम मंदिर कमेटी ने अमावस्या के अवसर पर बाबा श्याम का विशेष स्नान कराया है. इस दौरान बाबा का श्रृंगार खुशबूदार फूलों से किया गया. खाटूश्याम जी मंदिर के मुख्य पुजारी मोहनदास महाराज ने लोकल 18 के खास बातचीत में बताया कि अमावस्या के दिन हर रोज श्रृंगार आरती के समय बाबा का तिलक श्रृंगार मंत्र उच्चारण के बाद उन्हें नया स्थान दिया गया है. इस तरह बाबा श्याम अब अपने भक्तों को पूर्ण शालिग्राम रूप में दर्शन दे रहे हैं.
भक्तों को दो रूपों में दर्शनबाबा श्याम भक्तों को हर महीने दो अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं. कृष्ण पक्ष में वे श्याम वर्ण (पीला रंग) के रूप में और शुक्ल पक्ष में पूर्ण शालिग्राम (काला रंग) के रूप में दर्शन देते हैं. पुजारी मोहनदास महाराज ने बताया कि कृष्ण और शुक्ल पक्ष के अनुसार बाबा का श्रृंगार अलग-अलग होता है. कृष्ण पक्ष में बाबा को ललाट से गालों तक चंदन का लेप किया जाता है, जिसे श्याम वर्ण रूप कहा जाता है.
अमावस्या पर होता है बाबा का अभिषेकअमावस्या के दिन बाबा श्याम का अभिषेक विभिन्न प्रकार के द्रव्यों से किया जाता है, जिससे उनकी प्रतिमा अपने मूल स्वरूप में नजर आने लगती है. इस स्वरूप को शालिग्राम रूप कहा जाता है. शुक्ल पक्ष के सात दिन बाबा श्याम इस रूप में रहते हैं. इस प्रकार, खाटू बाबा की प्रतिमा 23 दिन श्याम वर्ण और 7 दिन शालिग्राम रूप में दर्शन देती है. बाबा का स्वरूप श्रृंगार से बदलता है.
कब-कब होता है श्रृंगार?श्रृंगार आमतौर पर विशेष अवसरों और पूजा के समय किया जाता है. यहां कुछ प्रमुख समय दिए गए हैं जब बाबा श्याम का श्रृंगार किया जाता है. अमावस्या के दिन. इस दिन बाबा श्याम का विशेष स्नान और श्रृंगार किया जाता है. यह दिन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस अवसर पर बाबा अपने मूल स्वरूप में दर्शन देते हैं. कृष्ण पक्ष: इस दौरान बाबा श्याम का तिलक श्रृंगार होता है, जिसमें ललाट से गालों तक चंदन का लेप किया जाता है. शुक्ल पक्ष: इस समय बाबा श्याम का श्रृंगार पूर्ण शालिग्राम रूप में किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 14:51 IST
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