devotees of Hinglaj Mata in Sikrai demanded Balochistan go

Last Updated:May 20, 2025, 14:25 IST
दौसा के सिकराय में हिंगलाज माता के भक्तों ने बलूचिस्तान स्थित मंदिर के दर्शन के लिए बिना वीजा प्रवेश की मांग की है. भक्तों का कहना है कि बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता मिले.X
सिकराय में स्थित हिंगलाज माता
हाइलाइट्स
भक्तों ने बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता की मांग की.बिना वीजा हिंगलाज माता के दर्शन की विशेष अनुमति की मांग.भक्तों का कहना है कि बलूचिस्तान में मुख्य मंदिर है.
दौसा:- राजस्थान के दौसा जिले के सिकराय उपखंड मुख्यालय पर हिंगलाज माता के भक्तों की एक अनूठी और भावनात्मक मांग सामने आई है. भक्तों का कहना है कि हमारी कुलदेवी हिंगलाज माता का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है, लेकिन मौजूदा समय में भारत-पाक रिश्तों और वीजा संबंधी सख्त नियमों के कारण वे वहां जाकर माता के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में भक्तों ने मांग की है कि बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दी जाए या कम से कम धार्मिक यात्रियों के लिए बिना वीजा प्रवेश की विशेष अनुमति मिले.
सिकराय में भी है हिंगलाज माता का मंदिरसिकराय निवासी हेमंत स्वामी ने Local 18 को बताया कि स्थानीय स्तर पर भी एक छोटा सा हिंगलाज माता मंदिर मौजूद है, जहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है. लेकिन श्रद्धालुओं का मानना है कि उनका मुख्य मंदिर बलूचिस्तान में है और वहीं जाकर माता का आशीर्वाद लेना उनका वर्षों पुराना सपना है.
बिना वीजा के दर्शन की मांगस्थानीय भक्त मयंक शर्मा का कहना है कि जैसे हर तीर्थ स्थल की अपनी एक विशिष्ट ऊर्जा और महत्व होता है, वैसे ही बलूचिस्तान स्थित हिंगलाज माता का मंदिर हमारे लिए अत्यंत पूज्य है. हम चाहते हैं कि धार्मिक श्रद्धालुओं को विशेष छूट दी जाए, ताकि वे बिना वीजा के वहां जाकर अपनी मन्नतें पूरी कर सकें.
कुलदेवी के दर्शन से बंधा है आस्था का रिश्ताविश्राम मीणा, जो कि सिकराय निवासी हैं, ने लोकल 18 को बताया कि बलूचिस्तान में स्थित यह मंदिर हमारी बड़ी कुलदेवी का स्थान है. हमारी आस्था, हमारी परंपरा और हमारी संस्कृति इस स्थान से गहराई से जुड़ी हुई है. हम चाहते हैं कि भारत सरकार या अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसी व्यवस्था करे, जिससे हम जैसे श्रद्धालु बिना किसी राजनीतिक अड़चन के वहां जाकर पूजा कर सकें.
बलूचिस्तान को मिले स्वतंत्र पहचान?श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि यदि भविष्य में बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता मिलती है और वहां भारत जैसे देशों से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, तो उन्हें अपनी कुलदेवी के दर्शन करना संभव हो सकेगा. यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती देगा.
सिकराय में हिंगलाज माता के भक्तों की यह मांग न केवल उनकी धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति है, बल्कि यह एक भावनात्मक अपील भी है जो सीमाओं से परे जाकर संस्कृति और श्रद्धा को जोड़ने का प्रयास करती है. अब देखना होगा कि इस मांग पर राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर क्या रूख अपनाया जाता है.
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‘बलूचिस्तान को देश की मान्यता मिले’.. हिंगलाज माता के भक्तों की सरकार से मांग