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Last Updated:March 28, 2025, 13:04 IST

202 साल की परंपरा के अनुसार, महिलाएं, पुरुषों पर जमकर कोड़े बरसाती हैं. इसे देवर-भाभी का पर्व भी माना जाता है.  परंपरा के मुताबिक देवर भाभी पर रंग डालते हैं और भाभियां पलटकर देवर की पिटाई करती हैं.X
कोड़ा
कोड़ा मारती हुई महिलाएं

हाइलाइट्स

भीलवाड़ा में 202 साल से कोड़ा मार होली की परंपरा है.महिलाएं देवरों पर कोड़े बरसाकर होली का आनंद लेती हैं.यह परंपरा हंसी-ठिठोली और मनोरंजन का प्रतीक है.

भीलवाड़ा:- भीलवाड़ा में होली का रंग होली के 13 दिन तक जारी रहता है और रंग तेरस के साथ इसका समापन हो जाता है. रंग तेरस की ये परंपरा भीलवाड़ा शहर में 202 साल से चली आ रही है. भीलवाड़ा में तेरस की होली भी काफी खास है. भीलवाड़ा जिले में जीनगर समाज का होली खेलने का तरीका काफी अनोखा है. तेरस के दिन यहां कोड़ा मार होली खेली जाती है.

शहर के सर्राफा बाजार बड़े मंदिर के पास जिलेभर के जीनगर समाज के लोग एकत्रित होते हैं और कोड़ा मार होली का भरपूर आनंद लेते हैं. 202 साल की परंपरा के अनुसार, महिलाएं, पुरुषों पर जमकर कोड़े बरसाती हैं. इसे देवर-भाभी का पर्व भी माना जाता है.  परंपरा के मुताबिक देवर भाभी पर रंग डालते हैं और भाभियां पलटकर देवर की पिटाई करती हैं. इस परंपरा को जीनगर समाज 202 साल से निभा रहा है. भाभी की मार का देवर बुरा नहीं मानते. इस तरह यह पर्व हंसी-ठिठोली और मनोरंजन के लिए खेला जाता है.

कोड़ामार होली की अनोखी परंपराजीनगर समाज के अध्यक्ष कैलाश सांखला ने कहा कि जीनगर समाज कोड़ामार होली का आनंद ले रहा है. होली खेलने के लिए खुले मैदान या रास्ते के बीच रंगीन पानी से भरा बड़ा कड़ाहा रखा जाता है. देवरों पर कोड़े बरसाने के लिए भाभियां पहले ही कपड़े को गूंथकर कोड़ा बनाकर तैयार रखती हैं. यह सूती साड़ियों से तैयार किया जाता है.

महिलाएं कहाड़े को घेरकर खड़ी हो जाती हैं और पानी की हिफाजत करती हैं. पुरुषों की टोली कड़ाहे से डोलची में पानी लेकर महिलाओं पर उछालती है. बचाव में महिलाएं उन्हें कड़ाहे के नजदीक आने से रोकने के लिए कोड़े बरसाती हैं. आखिर में कड़ाहे पर जिसका कब्जा हो जाता है, वही दल जीतता है.

हंसी मजाक का प्रतीक यह परंपरा महिलाओं ने कहा कि हमें सालभर से इस त्योहार का इंतजार रहता है. इस त्योहार से हमारी सभ्यता संस्कृति जीवित है. आज का दिन महिलाओं का होता है. हम अपनी परंपरा को आगे बढ़ाने के प्रयास में हैं. जीनगर समाज के लिए शाम को सामूहिक स्नेह भोज का आयोजन किया जाएगा. विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जाता है.

Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

March 28, 2025, 12:54 IST

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यहां सालभर की कसर एक साथ निकालती हैं भाभियां, देवर पर बरसाती कोड़े

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