Dhanteras 2024: धनतेरस पर सोना-चांदी नहीं घर पर मिट्टी लाती हैं महिलाएं, बंपर होती है धन वर्षा! जानिए महत्व
भीलवाड़ा: अपनी समृद्ध परंपराओं और अनोखी सांस्कृतिक धरोहर के लिए विख्यात भीलवाड़ा में दीपावली का पर्व अद्वितीय परंपराओं के साथ मनाया जाता है. मेवाड़ के प्रवेश द्वार माने जाने वाले इस शहर में धनतेरस के दिन एक विशेष परंपरा निभाई जाती है, जो सदियों पुरानी है और आज भी जीवित है. यहां महिलाएं धनतेरस पर तड़के ही अपने घरों से खाली बर्तन लेकर निकलती हैं और एक विशेष स्थान पर मिट्टी की पूजा करती हैं. इसके बाद इस मिट्टी को लक्ष्मी का प्रतीक मानते हुए घर में लाया जाता है और पूजा स्थल पर उसका लेप किया जाता है. मान्यता है कि इस मिट्टी में लक्ष्मी का वास होता है, जितनी मिट्टी घर लाई जाती है, उतनी ही घर में धन की वर्षा होती है.
भीलवाड़ा की महिला सुनीता शर्मा बताती हैं कि वे इस परंपरा का पालन पीढ़ियों से करती आ रही हैं और इसे अपनी बहू-बेटियों को भी सिखा रही हैं. उनका कहना है कि प्राचीन काल में पीली मिट्टी का प्रयोग घर के शुद्धिकरण और निर्माण में किया जाता था. यही कारण है कि पीली मिट्टी को धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. इस दिन महिलाएं पूजा सामग्री जैसे दीपक, कुमकुम, अगरबत्ती, जल और धान के रूप में गेहूं लेकर जाती हैं और मिट्टी की पूजा कर उसे घर लाती हैं.
नवविवाहिता ने निभाई पहली बार परंपरापहली बार इस परंपरा में शामिल हुई नवविवाहिता अनुष्का तिवारी कहती हैं, “आज हम धन की देवी लक्ष्मी के रूप में पीली मिट्टी लेने आए हैं. हम इसे अपने घर में भरकर ले जाते हैं, और मान्यता है कि जितनी मिट्टी घर में लाई जाएगी, उतनी ही धन-संपदा की वर्षा होगी.”
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 08:35 IST