धर्मेंद्र की वो फिल्म, जिस पर 10 साल बाद बनी मूवी निकली सुपरहिट, एक्शन सीन्स बस गए दिल में – Amitabh bachchan Trishul movie loosely based on Dharmendra izzat film ambulance scenes became turning point picture turn superhit fascinating story

Last Updated:December 23, 2025, 13:50 IST
Amitabh Bachchan Sanjeev Kumar Superhit Movies : बॉलीवुड की कई फिल्मों में एक जैसे प्लॉट देखने को मिल जाते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि एक जैसे स्टोरी पर बनी दो फिल्में बॉक्स पर कमाल दिखा जाती है. कई बार एक फिल्म चल जाती है और दूसरी फ्लॉप हो जाती है. 1968 में धर्मेंद्र-तनूजा-जयललिता की फिल्म के बेसिक आइडिया पर बनी अमिताभ बच्चन-संजीव कुमार की मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. यह फिल्म आज भी हिंदी सिनेमा के इतिहास की यादगार फिल्म में शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि धर्मेंद्र की फिल्म उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. ये दोनों फिल्में कौन सी थीं, आइये जानते इनसे जुड़े दिलचस्प तथ्य…. 
यह कहानी अमिताभ बच्चन की उस सुपरहिट फिल्म की है जिसका बेसिक आइडिया धर्मेंद्र की 1968 में आई फिल्म से लिया गया था. यह कहानी उस फिल्म की है जिसको बनाने के लिए राजेंद्र कुमार और जीतेंद्र के बीच होड़ मची हुई थी. घंटों बातचीत का दौर चला था. बाद में प्रोड्यूसर गुलशन राय ने यश चोपड़ा के यह फिल्म बनाई. फिल्म ने रिलीज होते ही इतिहास रच दिया. दिलचस्प बात यह भी है कि यह फिल्म धर्मेंद्र की मूवी के पूरे 10 साल बाद यानी 1978 में रिलीज हुई थी. ये फिल्म थी त्रिशूल जो कि उस साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. आइये जानते हैं इस फिल्म से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स…

अमिताभ बच्चन-राखी, शशि कपूर-हेमा मालिनी, संजीव कुमार- पूनम ढिल्लो, सचिन पिलगांवकर स्टारर और 5 मई 1978 को रिलीज हुई त्रिशूल फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी थी. यह एक एक्शन ड्रामा फिल्म थी. म्यूजिक खय्याम का था. गीत साहिर लुधियानवी ने लिखे थे. ‘मोहब्बत बड़े काम की चीज है’, ‘जब भी मिलते हो जाने तुम क्या क्या…जानेमन तुम कमाल करते हो’ जैसे सुरीले गाने आज भी दिल छू लेते हैं. दिलचस्प बात यह है कि शशि कपूर, अमिताभ बच्चन, राखी और वहीदा रहमान की जोड़ी इससे पहले यश चोपड़ा की 1976 की फिल्म ‘कभी-कभी’ में भी नजर आई थी. 1978 में ही रिलीज हुई प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मुकद्दर का सिकंदर’ में भी अमिताभ-राखी की जोड़ी थी.

त्रिशूल फिल्म का बेसिक आइडिया 1968 में आई धर्मेंद्र-तनूजा-जयललिता की फिल्म ‘इज्जत’ से ही लिया गया था. दरअसल, 1960 के दशक में निर्माता आरसी कुमार ने डायरेक्टर दुलाल गुहा को एक फिल्म के लिए साइन किया था. नाम था : बिन मांगे मोती. यह फिल्म मीना कुमारी और धर्मेंद्र के साथ बनाई जानी थी लेकिन कहानी दिल एक मंदिर, फूल और पत्थर से इंस्पायर्ड थी. ऐसे में यह फिल्म बंद करनी पड़ी. डायरेक्टर दुलाल गुहा साइनिंग अमाउंट के बदले प्रोड्यूसर आरसी कुमार को एक कहानी दी जिस पर फिल्म ‘इज्जत’ मूवी बनाई गई. 1968 में रिलीज हुई इस फिल्म के साथ प्रोड्यूसर एके नाडियाडवाला भी जुड़े थे. डायरेक्टर टी. प्रकाश राव थे. स्क्रीनप्ले राजेंद्र सिंह बेदी ने लिखा था. म्यूजिक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का था. इस फिल्म में धर्मेंद्र, तनूजा के अलावा जयललिता, बलराज साहनी और महमूद ने भी काम किया था. पूरे 10 साल बाद इसी फिल्म के बेसिक प्लॉट पर त्रिशूल फिल्म बनाई गई.
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इज्जत फिल्म में धर्मेंद्र जब कॉलेज पास करके घर लौटते हैं तो उन्हें पता चलता है कि वो अपनी मां की नाजायज औलाद हैं. किसी ठाकुर ने उनकी मां के साथ प्रेम संबंध तो रखे लेकिन शादी करने से इनकार कर दिया था. अपनी मां के साथ हुई नाइंसाफी का बदला लेने के लिए धर्मेंद्र घर से निकलते हैं. आगे चलकर कहानी अलग ट्रैक पर चलती है. फिल्म का बेसिक प्लॉट त्रिशूल फिल्म में देखने को मिलता है. फिल्म की कहानी के मुताबिक, संजीव कुमार वहीदा रहमान से प्यार करते हैं लेकिन शादी नहीं करते हैं. वहीदा रहमान बिन ब्याही मां बन जाती हैं. मां की मौत के बाद अमिताभ अपने मां के साथ हुई नाइंसाफी का बदला लेने निकलते हैं.

1976 में सलीम-जावेद ने त्रिशूल फिल्म की स्टोरी सबसे पहले जीतेंद्र को सुनाई थी. जीतेंद्र फिल्म को प्रोड्यूस करने के लिए तैयार हो गए. जीतेंद्र ने कहानी पर ज्यादा डिटेल में बात किए बिना दुलाल गुहा को बतौर डायरेक्टर साइन कर लिया. इसी बीच, राजेंद्र कुमार भी दलाल गुहा के पास सलीम-जावेद की स्क्रिप्ट लेकर पहुंच गए और फिल्म डायरेक्ट करने के लिए कहा. जब एक दिन दलाल गुहा-जीतेंद्र और सलीम-जावेद कहानी पर बातचीत कर रहे थे तो वो हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि इसी तरह की स्क्रिप्ट मुझे राजेंद्र कुमार ने दी है. राजेंद्र कुमार को बुलाया गया. यह बात साफ हो गई कि दोनों के पास सलीम-जावेद की ही सेम स्क्रिप्ट है. जीतेंद्र-राजेंद्र दोनों ही फिल्म बनाने पर अड़ गए. ऐसे में दलाल गुहा ने दोनों के लिए काम करने से इनकार कर दिया और साइनिंग अमाउंट लौटा दिया.

कुछ दिन बाद सलीम-जावेद अपनी स्क्रिप्ट लेकर प्रोड्यूसर गुलशन राय से मिले. उन्हें कहानी पसंद आई. यश चोपड़ा से उन्होंने फिल्म बनाने को कहा. वैसे सलीम-जावेद ने स्क्रिप्ट अमिताभ बच्चन को लेकर लिखी थी. संजीव कुमार ने अमिताभ बच्चन के बराबर पैसे लिए थे. फिल्म की शूटिंग दिल्ली में हुई थी. पूनम ढिल्लो उस समय पढ़ाई कर रही थीं. वो एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीत चुकी थीं. सचिन पिलगांवकर का रोल पहले ऋषि कपूर को ऑफर हुआ था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. सलमान खान ने उनका करियर बर्बाद करने की भी धमकी दी थी. ऋषि ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है.

त्रिशूल फिल्म का प्रीमियर राजकमल स्टूडियो पर रखा गया था. फिल्म देखकर प्रोड्यूसर गुलशन राय निराश हुए थे. उन्होंने फिल्म को बचाने का तरीका पूछा. यश चोपड़ा ने सलीम-जावेद के साथ मिलकर फिल्म की 45 दिन की शूटिंग फिर से की. इस बार फिल्म में अमिताभ बच्चन के एंबुलेंस सीन डाले गए. ये सीन्स फिल्म के टर्निंग प्वॉइंट बन गए. कहानी बदले की थी. फिल्म में कॉरपोरेट की मीटिंग, टेंडर प्रकिया, बिजनेस मीटिंग दिखाया गया जो कि नया सब्जेक्ट था.

फिल्म में हेमा मालिनी और राखी के रोल बहुत ही मॉडर्न थे. कॉरपोरेट में जॉब करती महिलाओं के थे. फिल्म में शशि कपूर विदेश से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स करके इंडिया लौटते थे. वो एक जगह पर राखी को कंप्यूटर कहते हैं. यह सब टर्म उस दौर की फिल्म में नए थे. उस समय कंप्यूटर लैब का मतलब भी इंडिया में चलन में नहीं था. फिल्म में संजीव कुमार-वहीदा रहमान इतने मॉडर्न से शादी किए बिना से पत्नी-पत्नी जैसे रिश्ते बना लेते हैं. फिल्म में गीतकार साहिर लुधियानवी थे. कुछ ऐसी ही कहानी उनकी जिंदगी की थी. वो अपनी मां से प्यार जबकि पिता से नफरत करते थे. फिल्म का म्यूजिक हिट था. फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी.
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December 23, 2025, 13:50 IST
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धर्मेंद्र की वो फिल्म, जिस पर बनी मूवी निकली सुपरहिट, क्शन सीन्स बस गए दिल में



