Rajasthan

धौलपुर युवक ने मृत बंदर के बच्चे का अंतिम संस्कार किया

सचिन शर्मा.धौलपुर. आज के समय में जब इंसान अक्सर अपनों के दुख और दर्द से भी बेखबर होते जा रहे हैं, वहीं राजस्थान के धौलपुर जिले में एक युवा लड़के ने मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है. यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के पास हुई, जिसने कई लोगों को भावुक कर दिया.

स्थानीय उदय ई-मित्र के संचालक उदय सिंह के सामने एक हृदय विदारक घटना हुई. उनकी दुकान के पास दो बंदर आपस में लड़ रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार वाहन ने अचानक बंदर के बच्चे को कुचल दिया. पल भर में उस नन्हीं-सी जिंदगी ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया.

लोगों की उदासीनता और उदय सिंह का कदम.बंदर का मृत बच्चा सड़क के बीचोबीच पड़ा रहा. कई लोग वहां से गुज़रे—आए, देखा और उदासीनता से आगे बढ़ते गए. किसी ने भी उस नन्ही सी जान को सड़क के किनारे तक रखने या उसे हटाने की जहमत नहीं उठाई.

लेकिन उदय सिंह का दिल इस दृश्य को देखकर कांप उठा. उन्होंने मन ही मन कहा, “जब इंसान मरता है तो भीड़ जुट जाती है, लेकिन जब एक बेजुबान मरता है तो कोई नहीं पूछता. लेकिन वह भी तो एक जीव ही था.”

इस घटना ने उदय सिंह को झकझोर दिया, और उन्होंने फैसला लिया कि इस बंदर के बच्चे का अंतिम संस्कार पूरी मानव जाति की तरह सम्मान और श्रद्धा के साथ किया जाएगा.

अंतिम संस्कार का तरीका: एक बेजुबान को दी गरिमामयी विदाई.उदय सिंह ने बिना किसी देरी के अपने हाथों से उस मृत बंदर के बच्चे को उठाया. उन्होंने स्वयं बाजार जाकर उसके लिए नए सफेद कफन खरीदा. इसके बाद वे फूलों की माला, अगरबत्ती और पूजन सामग्री लाए.

पूरी श्रद्धा के साथ, उन्होंने मृत बंदर के बच्चे को चंबल नदी के तट पर ले जाकर पूरे सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया, ठीक वैसे ही, जैसे कोई अपने परिवार के सदस्य को अंतिम विदाई देता है. उनका यह कार्य दिखाता है कि करुणा के लिए जीव का मनुष्य होना ज़रूरी नहीं है.

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया.उदय सिंह के इस असाधारण कार्य को देखकर स्थानीय लोगों ने उनकी खूब प्रशंसा की.

एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “उदय सिंह ने आज यह साबित कर दिया कि इंसान बनने के लिए सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है, दिल में करुणा होना जरूरी है.” धौलपुर की इस धरती पर आज एक आम व्यक्ति अपने असाधारण कार्य से मानवता की सबसे खूबसूरत मिसाल बन गया. उनका यह कदम हमें याद दिलाता है कि इंसानियत अभी मरी नहीं है, वह कुछ जिंदा दिलों में अब भी सांस ले रही है.

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