Dilip Bhatt Scattered The Rainbow Colors Of Singing On The Last Day – आखिरी दिन दिलीप भट्ट ने बिखेरे गायकी के इन्द्रधनुषी रंग

तमाशा गोपीचंद भर्तृहरि से हुआ समारोह का समापन

जयपुर। संगीत साधक व तमाशा शैली के मूर्धन्य कलाकार स्व. गोपीजी भट्ट की स्मृति में परम्परा नाट्य समिति की ओर से तीन दिवसीय समारोह के आखिरी दिन बुधवार को तमाशा गोपीचंद भर्तृहरि द्वितीय पार्ट का मंचन हुआ। इसमें स्व. गोपीजी भट्ट के सुपुत्र और शिष्य तमाशा साधक दिलीप भट्ट ने लोक नाट्य तमाशे की सुन्दर गायकी पेश की। उन्होंने अपने सधे सुर और गले से अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। तमाशे में दर्शाया कि गोपीचंद गुरु.शिष्य, त्याग, बलिदान, योग विद्या तथा मां से, बहन से, रानी से भिक्षा मांग कर वन की ओर अग्रसर हुए। गोपीचंद आख्यान में शास्त्रीय रागों का समावेश, सुन्दर गायकी का संयोजन है। तमाशे में कलाकार दिलीप भट्ट के साथ सचिन भट्ट, शैलेन्द्र शर्मा, हर्ष भट्ट, मथुरेश भट्ट, आकाश भटनागर, विजय लक्ष्मी भट्ट, नीति भट्ट, जगदीश चौहान ने तीनों दिन में पहले दिन तमाशा, दूसरे दिन कथक कार्यक्रम में नृत्याभिनय किया। अंत में संयोजक सचिन भट्ट ने आभार जताया।