Agriculture News : खेत बने तालाब, सपने हुए बर्बाद! पाली के किसानों की बुवाई पर बारिश ने फेरा पानी

Last Updated:July 25, 2025, 21:44 IST
Pali News: पाली जिले में भारी बारिश से खरीफ की फसलें बर्बाद हो गईं. किसानों की मेहनत और उम्मीदें पानी में बह गईं. अब किसान मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं. 22 जुलाई तक 594 एमएम बारिश दर्ज की गई.भारी भरी से खेतों में भरा पानी
हाइलाइट्स
पाली जिले में भारी बारिश से फसलें बर्बाद हुईं.किसानों की मेहनत और उम्मीदें पानी में बह गईं.किसान मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं.पाली. पाली जिले में बारिश की दस्तक ने एक ओर जहां आम लोगों को तपती गर्मी और उमस से राहत दी, वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर आई. जिन खेतों में किसानों ने बंपर फसल की उम्मीद में मेहनत से बुवाई की थी, वहीं अब पानी में डूबे पड़े हैं. जुलाई में हुई भारी बारिश के कारण जिले के कई हिस्सों में खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई हैं. खेतों में गल चुकी फसलों ने न केवल किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, बल्कि उनके सपनों और आजीविका पर भी सीधा असर डाला है. खासकर मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र में हालात बेहद खराब हैं, जहां 22 जुलाई तक 6080 हेक्टेयर खेतों में 75 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान हो चुका है.
इस बार कृषि विभाग ने जिले में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य 4 लाख 71 हजार हेक्टेयर तय किया था. 22 जुलाई तक 3 लाख 29 हजार 299 हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की बुवाई हो चुकी थी. जिले के पाली क्लस्टर में मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, मूंग, तिल और ग्वार की खेती होती है. लेकिन लगातार बारिश और जलभराव ने इन फसलों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. किसानों की मेहनत और उम्मीदें दोनों इस जल प्रलय में बह गईं.
नुकसान के बाद अब मुआवजे की आस
पाली जिले में 22 जुलाई तक 594 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 420.39 एमएम होता है. यानी अब तक 173.61 एमएम ज्यादा बारिश हो चुकी है. इसी वजह से खेतों में पानी भर गया और मूंग, ज्वार, बाजरा, तिल जैसी फसलें सड़कर खराब हो गईं. विभाग के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ मारवाड़ जंक्शन में ही 165 हेक्टेयर में ज्वार, 1300 हेक्टेयर में तिल और 4560 हेक्टेयर में मूंग की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई.
किसानों ने सरकार से की कई मांगेंपाली, रोहट और मारवाड़ जंक्शन में 308 हेक्टेयर में ज्वार, 3699 हेक्टेयर में तिल और 7902 हेक्टेयर में मूंग की फसल 50 से 75 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है. इस नुकसान के बाद अब किसान सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं. किसान यूनियन के नेता बाबू सिंह राजपुरोहित ने बताया कि कई खेतों में अब भी पानी जमा है. ऐसे में गिरदावरी करवा कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाना जरूरी है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि 2024-25 के फसल बीमा मुआवजे का भुगतान जल्द किया जाए, साथ ही डीएपी और यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और नहरों व बांधों की सफाई भी तुरंत की जाए.
homerajasthan
खेत बने तालाब, सपने हुए बर्बाद! पाली के किसानों की बुवाई पर बारिश ने फेरा पानी