Dirty Show In Child Home – बाल गृह में बच्चे बोले- हमारे साथ गंदा काम होता हैं

राजधानी में अनाथ बच्चों के साथ अनैतिक कार्य, बच्चों को अन्यत्र भेजा, मामला दर्ज
– चौड़ा रास्ता स्थित बालगृह की घटना, शराब पार्टी होने की भी शिकायत

जयपुर। राजधानी के चौड़ा रास्ता स्थित वर्षों पुराने बालगृह में अनाथ व बेसहारा बच्चों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। बच्चों ने बुधवार को राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की टीम को बताया कि उनके साथ गंदा काम होता है। वहां शराब पार्टी होने की भी शिकायत है। आयोग ने बच्चों को तत्काल अन्यत्र शिफ्ट कर दिया और बाल कल्याण समिति ने रात को कोतवाली थाने में पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया।
बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को बुधवार सुबह व्हाट्सएप पर बालगृह में बच्चों के यौन उत्पीडन की शिकायत मिली, जिस पर उन्होंने तत्काल टीम भेजी। निरीक्षण के दौरान आयोग सदस्य व अधिकारियों ने बाल गृह में बच्चों से बात की। सात वर्षीय बादल (परिवर्तित नाम) ने टीम से कहा कि उसके साथ गलत काम किया गया। जो बच्चे पहले होम में रह चुके हैं, वे रात को आते हैं और शराब पीकर जबरन गलत काम करते हैं। यहां के संचालक भी (जिन्हें बच्चे भाईसाहब कहते है) गलत काम करते हैं। उसके साथ तीन बार यह किया। ऐसा दूसरे बच्चों के साथ भी होता है। आयोग को मिली जानकारी के अनुसार केयरटेकर रात में नहीं रहता और यहां के पुराने बच्चे ही आ जाते हैं। बच्चों की बात सुनकर बाल कल्याण समिति को बुलाया गया और सभी 14 बच्चों को दूसरे होम में भेज दिया गया। बच्चों की उम्र 8 से 18 साल के बीच बताई जा रही है। बाल कल्याण समिति को एफआईआर दर्ज करवाने को कहा गया, जिसके बाद समिति ने रात को मामला दर्ज करवाया।
आयोग अध्यक्ष बेनीवाल ने बताया कि उन्हें बच्चों के लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत मिली, जिस पर अधिकारियों के साथ सदस्य विजेंद्र सिंह, शैलेन्द्र पांड्या व नुसरत नकवी मौके पर पहुंचे। बाल कल्याण समिति सदस्यों को भी वहां बुला लिया गया। बाल गृह में एक केयरटेकर मिला, जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रहता है। वहां न कोई अधीक्षक था, न काउंसलर। जो बच्चे 18 साल की आयु पूरी होने के कारण यहां से चले गए, वे अब भी वहां आते हैं। एक बच्चे ने आपबीती भी सुनाई। हैरानी की बात है कि नियमित निरीक्षण होता है, लेकिन अब तक किसी को भनक नहीं लगी।
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पिछले महीने ही किया बाल कल्याण समिति ने निरीक्षण
रेकॉर्ड के अनुसार बाल कल्याण समिति ने अक्टूबर में निरीक्षण किया था। ऐसी स्थिति की ओर ध्यान नहीं जाने को लेकर बाल कल्याण समिति के निरीक्षण पर सवाल उठ रहे हैं। कहा यह जा रहा है कि निरीक्षण केवल कागजों में ही तो नहीं किया जा रहा है।
समिति सदस्य सत्यपाल चांदोलिया ने कहा कि निरीक्षण दिन के समय किया था, तब ऐसी स्थिति नहीं मिली। ये बच्चे रात के समय चुपचाप आते थे।
बड़े बच्चों द्वारा छोटे बच्चों का लैंगिक उत्पीडन किए जाने का कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है। त्वरित कार्रवाई की जाएगी। — धर्मेन्द्र सागर, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, जयपुर उत्तर क्षेत्र