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दांतों से तीर मारने वाला दिव्यांग खिलाड़ी, 30 किलो वजन खींचकर बनाई मिसाल, राजस्थान के हर कोने में हो रही चर्चा

Last Updated:November 10, 2025, 10:19 IST

Pali News: राजस्थान के दिव्यांग खिलाड़ी गोविंद सैनी ने अपनी दिव्यांगता को ताकत बनाकर टूथ आर्चरी में राज्य स्तर तक का सफर तय किया. दांतों से 25-30 किलो वजन खींचने वाले गोविंद को राष्ट्रीय स्तर के लिए रिकर्व धनुष की जरूरत है. मंत्री और समाज से मदद के वादे के बावजूद अब तक कोई सहायता नहीं मिली, लेकिन उनका हौसला अडिग है.

पाली. दांतों से तीर खींचना सुनने में ही लगता है, कैसे संभव है. मगर इस असंभव को संभव कर दिखाया है, राजस्थान के उस दिव्यांग खिलाडी गोविंद सैनी ने जिसने अपनी दिव्यांगता को अपनी ताकत बनाया और अपनी मेहनत और जज्बे के दम पर टूथ आर्चरी में राज्य स्तर तक का सफर तय किया, लेकिन आज मदद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. दांतों से तीर खींचकर निशाना साधने वाले इस अनोखे खिलाड़ी को जनवरी 2027 में होने वाले पैरानेशनल टूर्नामेंट में भाग लेना है, लेकिन 4 लाख रुपए कीमत का रिकर्व धनुष खरीदने के लिए अब तक कोई मदद नहीं मिली. राजस्थान के पहले टूथ आर्चर खिलाडी है जिन्होने इस तरह अपनी काबिलियत से सभी को हैरान करने का काम किया था मगर अब देखना होगा कि इनकी काबिलियत पर सरकार का ध्यान कब जाता है.

मंत्री से मिले आश्ववासन मिला मगर नही मिली मदद रायपुर का दिव्यांग खिलाड़ी गोविंद सैनी ने अपनी मेहनत और जज्बे के दम पर ‘टूथ आर्चरी’ में राज्य स्तर तक का सफर तय कर चुके है. खिलाड़ी गोविंद की माने तो करीब दो महीने पहले प्रदेश के एक केबिनेट मंत्री से बात हुई थी. उन्होंने कहा था कि आप हमारे विधानसभा क्षेत्र के नहीं हैं, फिर भी कुछ मदद करेंगे. मगर अभी तक मदद के नाम पर कुछ नही मिला.

पाली जिले में किया था टूर्नामेंट में क्वालिफाई राजस्थान के पहले टूथ आर्चर कहे जाने वाले इस खिलाड़ी का कहना है कि उन्होंने पहले लकड़ी के धनुष से खेलकर पाली जिले से राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया था, पर अब राष्ट्रीय स्तर के लिए “रिकर्व धनुष” जरूरी है, जो अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार होता है. खिलाड़ी ने कहा “मैं पिछले दो महीनों से समाज के नेताओं, मंत्रियों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों के पास गया. सबने वादे किए, पर मदद किसी ने नहीं की.

दिव्यांगता से लड गया मगर झूठे आश्वासनों ने दी हार गोविंद भावुक होते हुए कहते है कि मैं अपनी दिव्यांगता से तो लड़ गया, लेकिन इन झूठे आश्वासनों से हार गया. जब कोई खिलाड़ी मेडल लेकर आता है, तो यही लोग माला पहनाकर फोटो खिंचवाते हैं और वाहवाही लूटते हैं. पर असली समय में कोई साथ नहीं देता.

25 से 30 किलो वजन खींच लेता है यह खिलाडी गोविंद एक अच्छे खिलाडी है और एक हाथ से असमर्थ यह खिलाड़ी दांतों से 25 से 30 किलो वजन खींचकर निशाना साधता है. रोज के अभ्यास में उसके मुंह से खून तक निकलता है, पर हौसला अटूट है. अब मैं किसी के भरोसे नहीं रहूंगा. ओलिंपिक खेलकर दिखाऊंगा और सबको साबित कर दूंगा कि हौसला अगर सच्चा हो, तो कोई भी कमी रुकावट नहीं बन सकती.

Jagriti Dubey

With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें

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First Published :

November 10, 2025, 10:19 IST

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दांतों से तीर मारने वाला दिव्यांग खिलाड़ी, 30 किलो वजन खींचकर बनाई मिसाल

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