कुड़ी भगतासनी में दिव्यांग दंपति दो साल से मदद को तरसे

Last Updated:December 05, 2025, 14:39 IST
जोधपुर के कुड़ी–भगतासनी क्षेत्र में रहने वाला एक दिव्यांग दंपति पिछले दो वर्षों से पेंशन और राशन जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए दर-दर भटक रहा है. विश्व दिव्यांगता दिवस पर भी न कोई अधिकारी आया, न ही किसी दफ्तर से राहत मिली. उम्मीद और मजबूरी के बीच जीते हुए यह दंपति रोज़ मेहनत कर अपना घर चलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सिस्टम की उदासीनता उनके संघर्ष को और गहरा कर रही है. फिर भी वे नई सुबह का इंतजार कर रहे हैं—शायद कभी उनकी भी सुनवाई हो सके.
जोधपुर. आज विश्व दिव्यांगता दिवस है, जब सरकार से लेकर सरकारी और गैर-सरकारी संगठन दिव्यांगों की तरफ दया, करुणा और सेवा के भाव से देखते हैं, मदद भी करते हैं, सहायता भी देते हैं. लेकिन जोधपुर के कुड़ी हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले एक दंपति सुबह से शाम तक इस बात का इंतजार करते रहे कि कोई न कोई मददगार आएगा और उनकी समस्या के समाधान में योगदान देगा. लेकिन दुर्भाग्य से सुबह से शाम हो गई, सूरज भी अस्त हो गया, लेकिन कोई नहीं आया. वे अपनी पीड़ा, तकलीफों और भविष्य में उगने वाले सूरज के साथ सिर्फ उम्मीद की किरण को दिल में जगा सके. अब नई सुबह का इंतजार है शायद कोई उनके दर्द को सुन ले, समझ ले.
जोधपुर के कुड़ी भगतासनी क्षेत्र में रहने वाला एक दिव्यांग दंपति पिछले दो साल से सरकारी सुविधाओं के लिए भटक रहा है. पेंशन बंद है, राशन कार्ड बना तो लिया लेकिन अब तक एक्टिव नहीं हुआ. घर की हालत कमजोर है, फिर भी दोनों पति–पत्नी अपनी हिम्मत नहीं खो रहे. कर्ण सिंह दंपति बताता है कि कई बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट चुके हैं. अधिकारी सिर्फ इतना कहते हैं बिल बनाकर दे देंगे… कल हो जाएगा… अगले हफ्ते हो जाएगा. लेकिन न पेंशन शुरू हुई और न ही राशन कार्ड चालू हुआ.
मुश्किल हालात में भी नहीं छोड़ी मेहनतदिव्यांग होने के बावजूद पति सिलाई का काम करते हैं. रोज़ साइकिल से दूर स्थित दुकान तक जाते हैं और रेडीमेड कपड़े सिलकर घर का गुज़ारा चलाते हैं. सिलाई से थोड़ा-बहुत मिलता है, पर पेंशन और राशन न मिले तो घर चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है. पत्नी बताती है हमारी 2 साल से पेंशन बंद पड़ी है, बच्चे मुश्किल से स्कूल जाते हैं. लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, लेकिन हमें कुछ नहीं मिल रहा. राशन कार्ड बने दो साल हो गए, मगर अभी तक एक्टिव नहीं हुआ. हमने पुराने घर से कार्ड कैंसिल करवाकर नया बनवाया था, पर आज तक शुरू ही नहीं हुआ. करण सिंह ने बताया कि वह दूसरों को सुख–सुविधा में देखता है तो दुख होता है, लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ता. उम्मीद है कि सरकार कभी न कभी सुनेगी. हमें भी वो सुविधा मिले, जो बाकी जरूरतमंदों को मिल रही है.
About the AuthorMonali Paul
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Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
December 05, 2025, 14:39 IST
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जोधपुर के कुड़ी भगतासनी में दिव्यांग दंपति दो साल से पेंशन का इंतजार



