Divyang On Dharna – 21 दिन से धरने पर दिव्यांग

राजस्थान के दिव्यांग जनों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है जिससे उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही। ऐसे में दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ दिए जाने, पेंशन का भुगतान किए जाने, उनके लिए विशेष अभियान चलाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

दिव्यांगों का धरना जारी
जयपुर।
राजस्थान के दिव्यांग जनों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है जिससे उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही। ऐसे में दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ दिए जाने, पेंशन का भुगतान किए जाने, उनके लिए विशेष अभियान चलाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले 21 दिनों से दिव्यांगजनों का धरना निशक्तजन आयोग के सामने जारी है। विकलांग जनक्रांति मोर्चा के बैनर तले विकलांग यहां धरने पर बैठे हैं लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। मोर्चा के राजस्थान प्रमुख सत्येंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि निशक्तजन आयोग हो या फिर शिक्षा विभाग या सामाजिक और न्याय अधिकारिता विभाग सभी विभागों में दिव्यांगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। सरकार ने कुछ माह पूर्व हमारी मांगों को लेकर एक कमेटी गठित की लेकिन समस्याएं जस की तस हैं। शिक्षा विभाग में दिव्यांग कार्मिक अपने घर से कई किलोमीटर दूर पदस्थापित हैं। उनके गृह जिलों में पदस्थापना का नियम है लेकिन उन्हें पदस्थापना नहीं दी जाती। समायोजन के नाम पर इधर उधर भेज दिया जाता है। वहीं विकलांग वर्ग को मात्र 750 रुपए मासिक पेंशन दी जा रही है जो अन्य राज्यों की तुलना में बेहद कम है। इस महंगाई के दौर में 750 रुपए में विकलांग प्रतिदिन दो वक्त पेटभर भोजन तक नहीं कर सकता। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, असम, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में उन्हें कहीं अधिक पेंशन मिल रही है। सत्येंद्र सिंह ने कहा कि जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होगा हम अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे।