Rajasthan

Diwali Festival: Instructions Given To Doctors To Stay In The Hospital – Diwali Festival: डॉक्टरों को अस्पताल में रहने के दिए निर्देश

Diwali Festival:

दिवाली पर जलकर आने वालों की बढ़ती है संख्या
दिवाली के दिन शाम को आते हैं ज्यादा मरीज

Diwali Festival:

दीपावली के मौके पर अस्पतालों में जलकर आने वालों के उपचार के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, ताकि तुरंत उपचार किया जा सके। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। एसएमएस अस्पताल में 24 घंटे यह व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल सहित अन्य सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में दीपावली त्यौहार पर पटाखों से जलकर आने वालों या फिर अन्य दुर्घटनाग्रस्त होकर आने वालों के लिए तुरंत उपचार की व्यवस्था की गई है। दिवाली के त्योहार पर पटाखों से जलकर आने वाली की संख्या ज्यादा रहती है। ऐसे मरीज रात के समय ज्यादा आते हैं। इन मरीजों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा रात को शराब पीकर वाहन चलाने वालें भी दुर्घटना के शिकार होने पर अस्पताल आते हैं। त्योहार पर लोगों को उपचार में कोई परेशानी ना हो यह देखते हुए प्रदेश के सभी अस्पतालों में विशेष व्यवस्थाएं की गई है। सरकारी अस्पतालों की तरह ही निजी अस्पतालों ने भी अपने-अपने स्तर पर विशेष व्यवस्थाएं की हैं।

तीन दिन अलर्ट
दीपावली के त्योहार पर 3 दिन तक मरीजों का आना जारी होता है। मुख्य रूप से छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली और उसके अगले दिन पटाखों से जलने पर लोग आते हैं। इनमें भी दिवाली के दिन रात को सात बजे से देर रात तक जलकर आने वाले लोगों का अस्पताल में आना जारी रहता है।
सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा ने बताया कि पटाखों से जलने वाले मरीज ज्यादा आते हैं, इसको देखते हुए अस्पताल की मुख्य इमरजेंसी और ट्रोमा इमरजेंसी में विशेष इंतजाम किए गए हैं।
सभी विशेषज्ञ रहेंगे तैनात
ट्रोमा इमरजेंसी में हड्डी रोग विशेषज्ञों की एक टीम काम करेगी। दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल आने वालों को ट्रोमा इमरजेंसी में ही भेजा जाता है। इसी प्रकार अन्य मरीजों का उपचार एसएमएस की मुख्य इमरजेंसी में होता है। यहां नेत्र रोग विभाग चर्म रोग विभाग, कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जरी विभाग आदि के डॉक्टरों की टीम संयुक्त रूप से काम करेगी। दोनों ही इमरजेंसी में 24 घंटे वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में उपचार किया जाएगा, इसी तरह निजी अस्पतालों में भी विशेष इंतजाम किए गए हैं वहां भी डॉक्टरों की अलग-अलग टीमें उपचार के लिए लगाई गई हैं।

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