Diwali is special for the medical and engineering coaching students of Education City Kota, it feels like home away from home.

कोटा. भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपोत्सव के अवसर पर लोगों ने सुबह अपने घरों में रंगोली सजाई और मुख्य द्वार पर बंदनवार लगाए. कोटा की एजुकेशन सिटी में, हजारों किलोमीटर दूर रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों को घर जैसा त्योहार का आनंद मिल रहा है. यहां कोरल पार्क में हॉस्टल संचालक और कोचिंग के छात्रों ने मिलकर दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया. इस दौरान म्यूजिक, मस्ती, दीपक प्रज्वलन और आतिशबाजी का आयोजन हुआ. सभी छात्रों ने एक-दूसरे को “हैप्पी दिवाली” कहा और जमकर दीपावली का आनंद लिया.
सफायर गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन सीमा यादव ने बताया कि कोटा इसलिए अलग है क्योंकि यहां घर से दूर भी सभी के लिए एक घर है. जो बच्चे दिवाली पर घर नहीं जा सके उनके लिए होस्टल में कई कार्यक्रम रखे गए हैं. यहां ऐसे ही दिवाली सेलिब्रेशन मनाया जाएगा, जिससे इन स्टूडेंट्स को ऐसा अहसास न हो कि वो घर से दूर हैं. इन सभी छात्रों के लिए हॉस्टल की तरफ से आतिशबाजी की व्यवस्था की गई है कई तरह की मिठाई और स्पेशल खाना दिया जाएगा, ताकि इन बच्चों को घर जैसा अहसास हो. कोटा के कोरल पार्क स्थित सफायर गर्ल्स हॉस्टल में रह रही छात्राएं एकत्रित हुई. होस्टल में सभी छात्राओं ने दीप प्रज्वलन किया उसके बाद जमकर पटाखे जलाए.
ट्रेनों में नो रूम जैसा हालातदेशभर से मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग करने आने वाले बच्चों को दीपावली पर ही एक लंबा वेकेशन मिलता है और वह अपने घर भी जा पाते हैं, लेकिन दिवाली और छठ पूजा के त्योहार के चलते ट्रेनों में ‘नो रूम’ जैसे हालात हो गए हैं. कोचिंग स्टूडेंट की 27 अक्टूबर से दिवाली अवकाश हैं, लेकिन 24 से 31 अक्टूबर दिवाली तक ट्रेनों में नो रूम जैसे हालात बने हुए हैं. ज्यादातर स्टूडेंट उत्तर प्रदेश और बिहार से कोटा में कोचिंग करने के लिए आते हैं. जिसके चलते हजारों स्टूडेंट्स अपने घर नहीं जा पाते है.
Tags: Diwali, Kota news, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 12:59 IST