भीलवाड़ा सहित मेवाड़ क्षेत्र में 21 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी दिवाली, पंडितों और ज्योतिषाचार्यों की सर्वसम्मति से तय हुआ शुभ मुहूर्त

Last Updated:October 15, 2025, 20:13 IST
भीलवाड़ा समेत मेवाड़ क्षेत्र में इस बार दीपावली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी, दो दिन अमावस्या पड़ने के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति थी, जिसे ज्योतिषाचार्यों और धर्मग्रंथों के विश्लेषण के बाद स्पष्ट किया गया है. पंडित कमलेश व्यास ने बताया कि देश के कुछ भागों में 20 अक्टूबर को भी दिवाली मनाई जा सकती है, लेकिन भीलवाड़ा सहित आसपास के जिलों में 21 अक्टूबर को दीपावली मनाना अधिक शुभ रहेगा.
भीलवाड़ा. दिवाली का त्योहार नज़दीक आ गया है, लेकिन दिवाली को लेकर आम जनता में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसका कारण यह है कि इस बार दो दिन अमावस्या पड़ रही है, जिसके चलते लोगों में भ्रम है कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाए या 21 अक्टूबर को. भीलवाड़ा के प्रसिद्ध प्रमुख ज्योतिषाचार्य ने सिंधु शास्त्र और अन्य पंचांगों के अनुसार बताया कि भीलवाड़ा सहित आसपास के जिलों में दिवाली का त्योहार 21 अक्टूबर को मनाया जाना शुभ रहेगा. साथ ही, दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी माता की पूजा के शुभ मुहूर्त और दान के विषय में भी पूरी जानकारी दी गई.
नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि दीपावली को लेकर लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि यह 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 21 अक्टूबर को। संपूर्ण मेवाड़ क्षेत्र में इस वर्ष दीपावली का त्योहार 21 अक्टूबर, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा. मेवाड़ के पंडितों, आचार्यों और ज्योतिषाचार्यों की सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष दीपावली का त्योहार 21 अक्टूबर को ही मनाया जाए. विभिन्न धर्माचार्यों ने गहन विचार-विमर्श किया और स्कंद पुराण, नारायण पुराण और भविष्य पुराण जैसे ग्रंथों के आधार पर विश्लेषण करके यह निष्कर्ष निकाला गया कि इस बार दीपावली 21 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी.
हालांकि देश के कुछ भागों में सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में अमावस्या तिथि विद्यमान नहीं होगी, वहां 20 अक्टूबर को दीपावली मनाई जा सकती है. भारत के अधिकांश 50 से अधिक मान्य एवं प्रतिष्ठित पंचांगों के आधार पर 21 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी. मेवाड़ क्षेत्र के भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, नीमच सहित अन्य कुछ जिलों के विद्वानों ने सर्वसम्मति से 21 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाने का निर्णय लिया है. इस बार यह त्योहार 6 दिवसीय रहेगा धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी और अन्नकूट 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
22 अक्टूबर को की जाएगी गोवर्धन पूजा नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास ने बताया कि जब मध्यांतर में ग्रहण काल होता है, तब दीपावली नहीं मनाई जा सकती, लेकिन इस बार कोई ग्रहण काल नहीं है. दीपावली के दिन दिनभर लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है. वृषभ लग्न व गोधूलि मुहूर्त को सबसे उत्तम माना गया है, फिर भी दीपावली के दिन पूरे दिन पूजा-अर्चना की जा सकती है, पूरा दिन पूजन के लिए श्रेष्ठ है.
Monali Paul
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
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Location :
Bhilwara,Rajasthan
First Published :
October 15, 2025, 20:13 IST
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भीलवाड़ा दिवाली 2025 कब मनाएं जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की सही तारीख