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मार्गशीर्ष में भूलकर भी न खाएं बैंगन-मूली! ज्योतिषाचार्यों ने बताया धर्म और सेहत से जुड़ा बड़ा रहस्य

Last Updated:November 12, 2025, 18:45 IST

Karauli News Hindi : मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म में आस्था और साधना का पवित्र समय माना गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस महीने बैंगन और मूली खाने की मनाही क्यों है? धार्मिक मान्यता के साथ-साथ इसके पीछे छिपा है सेहत का गहरा रहस्य. आइए जानते हैं क्यों शास्त्रों में इन सब्जियों को तामसिक और वर्जित बताया गया है.

करौली : हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष महीने का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना गया है. इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ, व्रत और साधना के साथ-साथ खानपान को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं. शास्त्रों में वर्णन है कि मार्गशीर्ष माह में कुछ विशेष सब्जियों का सेवन करना वर्जित होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में बैंगन और मूली का सेवन नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि इन सब्जियों का सेवन न केवल धार्मिक दृष्टि से अशुभ है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है.

हिंडौन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित धीरज उपाध्याय बताते हैं कि प्रकृति ने जो भी फल-सब्जियां बनाई हैं, वे सभी मानव जीवन के लिए उपयोगी हैं. लेकिन शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि कुछ समय विशेष कर कुछ तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. पंडित उपाध्याय के अनुसार, बैंगन और मूली दोनों ही सब्जियां तामसिक प्रकृति की मानी गई हैं. इसलिए विशेष रूप से मार्गशीर्ष माह में इनका सेवन वर्जित बताया गया है. उनका कहना है कि इस महीने में इन सब्जियों को खाने से व्यक्ति की पाचन क्रिया प्रभावित होती है और यह शरीर में दोष उत्पन्न करती हैं.

मार्गशीर्ष में क्यों वर्जित है बैंगन?इसी विषय पर पं धीरज शर्मा का कहना है कि बैंगन को खाने के बाद इसके बीज 27 दिनों तक पेट में रहते हैं. मान्यता यह है कि यदि मार्गशीर्ष माह में कोई व्यक्ति बैंगन खाता है और उन 27 दिनों के भीतर उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसे नरक की प्राप्ति होती है. इसलिए शास्त्रों में इस माह में बैंगन का सेवन सख्त मना किया गया है. वहीं मूली के सेवन को लेकर भी यही कहा गया है कि यह शरीर में गैस, अपच और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न करती है.

मूली से बढ़ती हैं पाचन समस्याएंज्योतिषाचार्यों का मानना है कि धार्मिक नियमों के पीछे केवल आस्था ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का भी गहरा विज्ञान छिपा है. मौसम परिवर्तन के इस समय शरीर की पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है, ऐसे में भारी और तामसिक भोजन से बचना चाहिए. यही कारण है कि हमारे पूर्वजों ने इन सब्जियों के सेवन पर इस महीने में रोक लगाई थी. इस प्रकार मार्गशीर्ष माह में बैंगन और मूली से परहेज करना न केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ माना गया है बल्कि यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी एक लाभदायक रहता है.

Rupesh Kumar Jaiswal

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें

रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें

Location :

Karauli,Rajasthan

First Published :

November 12, 2025, 18:45 IST

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मार्घशीर्ष महीने में क्यों नहीं खाना चाहिये बैंगन और मूली, क्या है कारण?

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