बड़ा अनोखा है यह म्यूचुअल फंड, सिर्फ डिविडेंड देने वाली कंपनियों में लगाता है पैसा, हर साल दिया है 15 फीसदी का रिटर्न

नई दिल्ली. शेयर बाजार पिछले एक साल में ज्यादातर फ्लैट ही रहे हैं. इसका कारण कई राजनीतिक घटनाएं और ट्रंप का टैरिफ वॉर रहा है. इसके अलावा, कॉरपोरेट कंपनियों की आमदनी भी खास नहीं रही और विदेशी निवेशकों का पैसा लगातार बाहर जा रहा है. इसकी वजह से इंडेक्स थोड़े-बहुत ही घूमते रहे. ऐसे माहौल में फ्लेक्सीकैप फंड्स पर ध्यान गया, क्योंकि ये अलग-अलग कंपनी साइ में निवेश कर सकते हैं और इसमें आकर्षक ऑप्शन भी दिखते हैं. अगर आप भी किसी ऐसे विकल्प की तलाश में हैं तो ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड अच्छा ऑप्शन हो सकता है. नाम से ही समझ आता है कि यह फंड डिविडेंड देने वाली कंपनियों पर फोकस करता है.
आम तौर पर डिविडेंड यील्ड फंड्स उन्हीं कंपनियों पर ध्यान देते हैं, जो ज्यादा डिविडेंड देती हैं. लेकिन ऐसा करने से लॉन्ग टर्म में कैपिटल एप्रिसिएशन कम होता है. इस वजह से रिटर्न भी अक्सर औसत से कम रहता है. ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड बाकी फंड्स से अलग इसलिए है, क्योंकि ये ऐसी कंपनियों में निवेश करता है, जो न केवल स्टेबल डिविडेंड देती हैं बल्कि लॉन्ग टर्म में अच्छे ग्रोथ का भी वादा करती हैं. फंड को मार्केट कैप और मैनेजमेंट स्टाइल में फुल फ्रीडम दी गई है. लिहाजा ये मिड-टू-लॉन्ग टर्म में अपने बेंचमार्क और बाकी फंड्स से बेहतर परफॉर्म कर रहा है.
कितना दिया है रिटर्नICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड ने अपनी कैटेगरी में काफी आगे बढ़कर अच्छा परफॉर्म किया है. यह न सिर्फ अपने बेंचमार्क Nifty 500 TRI से बेहतर रहा, बल्कि बाकी फंड्स से भी आगे निकल गया. अगस्त 31, 2025 तक पिछले 1, 3, 5 और 10 साल में यह बेंचमार्क से 3-9% और कैटेगरी एवरेज से 2-6% बेहतर रिटर्न दे चुका है. फंड मई 2014 से चल रहा है. अगर कोई निवेशक शुरुआत से हर महीने 10,000 रुपये SIP करता तो अगस्त 2025 तक उसकी इन्वेस्टमेंट वैल्यू करीब 41.3 लाख रुपये होती. इसका मतलब है कि हर साल 18.7% फीसदी का रिटर्न. उसी रकम का निवेश अगर Nifty 500 TRI में होता तो 32.6 लाख रुपये बनते, जिस पर 14.9% मिला है.
5 साल में दमदार प्रदर्शनजनवरी 2018 से अगस्त 2025 तक यानी 5 साल का रिटर्न देखें तो यह फंड अपने बेंचमार्क को अच्छे खासे अंतर से पीछे छोड़ देता है और शानदार रिटर्न देता है. ICICI प्रूडेंशियल डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड को मार्केट कैप के हिसाब से निवेश करने की पूरी आजादी है. पिछले सालों में बड़े कैप स्टॉक्स का हिस्सा काफी अधिक रहा है. शुरुआत से लेकर 2024 के मध्य तक, जब मिड और स्मॉल कैप्स अच्छा कर रहे थे तो पोर्टफोलियो में 30-35% हिस्सा मिड और स्मॉल कैप्स का था. लेकिन, जून 2024 के बाद फंड ने छोटे कैप्स से एक्सपोजर कम किया और स्टेबल बड़े कैप कंपनियों में निवेश बढ़ाया.
किस सेक्टर पर ज्यादा जोरआईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के सीनियर फंड मैनेजर मितुल कलावाडिया कहते हैं कि फंड के सेक्टर्स की बात करें तो, साल 2020 में फंड का अच्छा खासा एक्सपोजर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल और पावर कंपनियों में था जो सही ग्रोथ के साथ डिविडेंड यील्ड भी दे रहे थे. इस वजह से फंड ने अच्छा परफॉर्म किया. बाद में ग्रोथ में मंदी आने पर IT और फार्मा सेक्टर में एक्सपोजर कम कर दिया गया. उसके बाद बैंक सेक्टर में एलोकेशन बढ़ा दी गई, जिससे फंड ने सितंबर 2024 से मार्केट करेक्शन के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया. ऑटोमोबाइल, पावर, ऑयल, गैस और कंज्यूमेबल फ्यूल्स भी फंड के पोर्टफोलियो के अहम घटक हैं.
डेट एसेट में भी ज्यादा निवेशइन सभी सेक्टर्स की मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां, जिनमें ग्रोथ की संभावना हो और ठीक-ठाक डिविडेंड यील्ड मिले, फंड के इक्विटी एलोकेशन का बाकी हिस्सा बनाती हैं. फंड समय-समय पर लगभग 5-11% अपनी पोर्टफोलियो का हिस्सा कैश, डेब्ट और अन्य एसेट्स में रखता है, जिससे मार्केट करेक्शन के दौरान फंड ने ठीक-ठाक डाउनसाइड प्रोटेक्शन भी दिया है. इसी ढांचे को ध्यान में रखते हुए निवेशक इस फंड को SIP के लिए चुन सकते हैं और इसे अपनी पोर्टफोलियो का प्रमुख हिस्सा बना सकते हैं.
(Disclaimer: यहां बताए गए स्टॉक्स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए जिम्मेदार नहीं होगा.)