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रोजाना कर लें यह काम, कोसों दूर रहेगी डायबिटीज की बीमारी, दिल्ली के डॉक्टर ने दी सलाह

दिल्ली/अंजलि सिंह राजपूत: दिल्ली एनसीआर में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. डॉक्टर की ओपीडी में हर तीसरा मरीज डायबिटीज की शिकायत लेकर पहुंच रहा है और जांच कराने पर उसका शुगर स्तर गंभीर स्तर का आ रहा है. डायबिटीज एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो अगर एक बार किसी को हो गई तो उसके शरीर के मल्टी ऑर्गन्स जैसे किडनी, आंखें और लीवर सबको प्रभावित करती है और एक-एक करके सबका खराब होना शुरू हो जाता है. बार-बार पेशाब जाना और चोट लग जाने पर घाव का न भरना जैसी समस्या भी इस बीमारी में हो जाती है.

आखिर क्यों देशभर में डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं, इस पर जब मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर और हेड डिपार्टमेंट ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन डॉ. अजय कुमार गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक भारत में 100 मिलियन लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं और 130 मिलियन लोग प्री डायबिटीज से ग्रसित हैं. यह बीमारी एक लाइफस्टाइल की बीमारी है, यानी जिस तरह से शहरीकरण हो रहा है या खानपान में लोग जंक फूड, फास्ट फूड और मैदा का सेवन ज्यादा कर रहे हैं. पैक्ड फूड खा रहे हैं, जिससे शरीर में कैलोरी बढ़ रही है. एक्सरसाइज लोग नहीं कर रहे हैं, ऐसे में इंसुलिन का स्तर बिगड़ रहा है. ऐसे में अगर डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी को हमारे देश में विस्फोटक बनने से रोकना है, तो बचपन से ही हमें मोटापा कंट्रोल करना होगा. खास तौर पर 9 साल से लेकर 15 साल की उम्र तक के बच्चों का खास ख्याल रखना होगा. मोटापा डायबिटीज बीमारी को साथ लेकर आता है. ऐसे में मोटापे को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है.

टाइप एक और टाइप दो डायबिटीज में अंतर

डॉ. अजय कुमार ने बताया कि टाइप एक डायबिटीज जेनेटिक भी हो सकती है या टाइप एक डायबिटीज में इंसुलिन बनता ही नहीं है. यह बचपन से ही होती है, जबकि टाइप दो डायबिटीज में इंसुलिन बनता तो है लेकिन ठीक से काम नहीं करता और टाइप दो डायबिटीज 20 साल से ऊपर की उम्र वालों में होता है. हमारे देश में टाइप दो डायबिटीज के ही मरीज ज्यादा हैं, जबकि टाइप एक के मरीज अभी फिलहाल बेहद कम हैं.

दस हजार कदम इसलिए हैं जरूरी

डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि अगर आप रोजाना 10,000 कदम चलेंगे तो शरीर की एक्टिविटी बढ़ेगी. एनर्जी बढ़ेगी और जो कैलोरी हमने खाने के जरिए अंदर ली है, वो कम होनी शुरू हो जाएगी. ग्लूकोज का स्तर कंट्रोल होगा, इसलिए आप रोजाना 10,000 कदम चलें. अगर 10,000 कदम नहीं चल सकते हैं तो रोज 45 मिनट तक एक्सरसाइज करें.

खाने में शामिल करें ये चीज

डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि खाने में लोगों को मोटा अनाज खाना चाहिए और उसके अलावा छिलके वाली दालों का सेवन करें. फल हरी सब्जियां इनका सेवन ज्यादा करें. जंक फूड, फास्ट फूड, पिज़्ज़ा, बर्गर, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक और मैदा इन सबको अपनी डाइट से हटा दें. बेसन और बेकरी का सामान भी कम ही खाएं.

Tags: Health tips, Hindi news, Local18

FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 08:20 IST

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