Rajasthan

Do You Know: ये था राजस्थान का पहला सरकारी स्कूल, अंग्रेजी में होती थी पढ़ाई, चौथी पास बनी थी टीचर

सवाई माधोपुर: समाज में टीचर्स का काफी बड़ा योगदान होता है. टीचर्स बच्चों को पढ़ाने के साथ ही साथ उन्हें कई तरह के सामाजिक ज्ञान भी देते हैं. भारत में सरकार ने गरीब बच्चों के लिए सरकारी स्कूल खोले हैं. इनमें पढ़ाने वाले टीचर्स की नौकरी सरकारी होती है. सरकारी टीचर को उनकी जॉब में कई तरह के फायदे मिलते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से कई सालों पहले जब अंग्रेजी हुकूमत हुआ करती थी, उस दौरान कैसे सरकारी स्कूल होते थे?

राजस्थान के गंगापुर में राज्य का पहला सरकारी स्कूल खोला गया था. इसे अंग्रेजों ने खोला था. सबसे बड़ी बात ये है कि इस स्कूल में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई हुआ करती थी. राष्ट्रीय कवि और हिस्टोरियन डॉ गोपीनाथ की किताब ‘हमारा गंगापुर’ में उस समय के स्कूल की चर्चा की गई है. किताब में बताया गया कि किस तरह उस समय पढ़ाई हुआ करती थी.

ऐसा है इतिहासकिताब के मुताबिक़, 1899 में जयपुर स्टेट ने गंगापुर में पहला सरकारी स्कूल खोला था. ये स्कूल इंग्लिश मीडियम था. आज भी ये स्कूल आपको कैलाश टॉकीज के पास मिल जाएगा. शुरूआती सरकारी स्कूलों में ज्यादातर पुरुष शिक्षक ही हुआ करते थे. इसके बाद 1930 में पहली कन्या सरकारी स्कूल की शुरुआत की गई थी. इसे मुनीमों की हवेली में चलाया जाता था. शुरुआत में इसमें करीब पचास लड़कियां पढ़ने आती थी. गर्ल्स स्कूल में महिला अध्यापकों को ही पढ़ाने की अनुमति थी.

चौथी पास बनी टीचरचूंकि उस समय कन्याओं को ज्यादा पढ़ाया नहीं जाता था, ऐसे में अक्षर ज्ञान और वाक्य लिख लेना ही काफी ज्यादा पढ़-लिख जाना माना जाता था. ऐसी में जो भी कन्या चौथी या पांचवीं पास कर लेती थी, वो अध्यापिका बन जाती थी. इन्हीं में शामिल थी श्रीमती द्रोपदी देवी गोयल व श्रीमती शांति देवी शर्मा. दोनों चौथी और पांचवीं पास थी. ये दोनों ही प्रदेश की पहली सरकारी महिला टीचर बनी थी.

Tags: Ajab Gajab, Khabre jara hatke, Rajasthan news, Sawai madhopur news, Trending news

FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 18:03 IST

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