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क्या महंगे सप्लीमेंट लेने से सच में काले और घने हो जाते हैं बाल, कितने का खर्च करना पड़ता है, डॉक्टर से जानें विज्ञान की बात

Do hair growth supplement work: आज आप अक्सर देखेंगे कि 20 से 25 साल की उम्र में मर्दों में बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं या बाल पतले होने लगते हैं. बालों को लेकर किसी न किसी तरह की परेशानी अवश्य होती है. इसी परेशानी को देखते हुए दुनिया भर की कंपनियों बालों को रीग्रो करने के लिए तरह-तरह की दवाइयां बनाने लगी है. इसका प्रचार-प्रसार भी खूब किया जाता है. ऑनलाइन कई वीडियो में लोग दावा करते हैं कि हेयर ग्रोथ सप्लीमेंट से बाल घने, हेल्दी और चमकदार हो जाते हैं. कुछ ब्रांड्स जैसे न्यूट्राफोल Nutrafol और विविस्केल Viviscal नाम से सप्लीमेंट बनाती है. दावा किया जाता है कि इन सप्लीमेंट से बाल घने और काले हो जाते हैं और झड़ते हुए बाल रुक जाते हैं. लेकिन क्या वाकई ये सप्लीमेंट काम करते हैं? इन सप्लीमेंट्स में अक्सर बायोटिन, विटामिन ए, सी,डी, जिंक, सेलेनियम जैसे मिनरल्स और हल्दी, हॉर्सटेल जैसी जड़ी-बूटियों के अर्क शामिल होते हैं. कुछ सप्लीमेंट में कोलेजन, शार्क कार्टिलेज और ऑयस्टर एक्सट्रैक्ट भी होते हैं. तो क्या इन सप्लीमेंट के सेवन से दोबारा बाल आने लगते हैं.

कितने महंगे होते हैं ये सप्लीमेंट न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. मेलानी टाफिक कहती हैं कि कुछ मामलों में ये झड़ते या पतले होते बालों की ग्रोथ में मदद कर सकते हैं लेकिन अभी तक इनका गहराई से अध्ययन नहीं हुआ है. बाजार में दावे के साथ जो सप्लीमेंट दिए जाते हैं वे उतने प्रभावशाली नहीं होते जैसे मिनॉक्सिडिल या फाइनास्टराइड प्रभावशाली होते हैं. वहीं ये सप्लीमेंट काफी महंगे भी होते हैं. बालों के रीग्रोथ के लिए बाजार में Nutrafol नाम का सप्लीमेंट मिलता है. इसकी एक महीने की डोज़ 90 डॉलर यानी करीब 7600 रुपये की होती है. अन्य सप्लीमेंट भी इसी तरह महंगे होते हैं.

क्या कहता है विज्ञान रिपोर्ट के मुताबिक इन सप्लीमेंट को लेकर जितनी भी रिसर्च या अध्ययन हो रहे हैं, वे सब इन्हीं कंपनियों द्वारा फंडेड होते हैं. 2021 में एक अध्ययन 40 महिलाओं पर किया गया था जिसमें Nutrafol के असर को देखा गया था. अध्ययन के मुताबिक इस दवा से दोबारा बाल के आने का दावा किया गया था लेकिन उस टीम में कंपनी का एक कर्मचारी भी शामिल था. इसी तरह Viviscal सप्लीमेंट पर 2015 में हुए एक अध्ययन में भी बालों की ग्रोथ में सुधार बताया गया था लेकिन इसमें भी कंपनी की भागीदारी थी. डॉ. एंजेला लैम्ब कहती हैं कि संभव है कि जिन लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया गया था उनमें पहले से विटामिन डी, आयरन या जिंक की कमी रही हो. इसके अलावा और कोई परेशानी नहीं रही हो. ऐसी स्थिति में उन्हें सस्ते मल्टीविटामिन से भी वही लाभ मिल सकता था.

कितना फायदा होता हैडर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अजय कैलाश ने बताया कि उन्होंने Nutrafol लेने वाले मरीजों में बाल उगते देखे हैं. हो सकता है कि उनमें विटामिन की कोई कमी न हो लेकिन मरीजों में इसका प्रभाव देखा गया है. Nutrafol में सॉ पामेटो भी होता है, जो डीएचटी हार्मोन बनने से रोक सकता है. डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन डीएचटी ऐसा हार्मोन है जो बालों के झड़ने को बढ़ा देता है. चूंकि डीएचटी को यह दवा रोक देती है, इसलिए हो सकता है कि इसी से बालों का दोबारा ग्रोथ शुरू हो गया है. हालांकि कोलेजन को बालों की ग्रोथ में सहायक माना जाता है, लेकिन इस पर सीमित अध्ययन है. दूसरी ओर बायोटिन भी एक महत्वपूर्ण हेयर सप्लीमेंट्स है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह बालों की ग्रोथ में मदद नहीं करता. यह एक बड़ा भ्रम है.

किन लोगों पर कितना असरदार है यह डॉ.मेलानी टाफिक ने बताया कि Nutrafol और अन्य सप्लीमेंट्स स्कैरिंग से जुड़ी हेयर लॉस जैसे सिकाट्रिशियल एलोपेशिया पर असर नहीं करते, क्योंकि इसमें इम्यून सिस्टम बालों की जड़ों को नष्ट कर देता है. इसका मतलब यह हुआ है कि अगर जो पहले से गंजे हो चुके हैं और गंजेपन की कुदरती बीमारी से पीड़ित है तो इन सप्लीमेंट से उस व्यक्ति में दोबारा बाल नहीं उग सकते हैं. नूट्राफोल, विविस्केल जैसी बालों को रीग्रोथ करने वाली दवाइयां वास्तव में ड्रग नियामक से पास नहीं हुई है. ये बिना मेडिकल ट्रायल के बाजार में मिल रहे हैं. इसलिए इन दवाओं को डॉक्टर फुलप्रूव नहीं मानते. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इन्हें पूरी तरह टाल दिया जाए. हालांकि ये महंगे हैं और डॉक्टर की पहली पसंद नहीं है. फिर भी कुछ लोगों को इनमें फायदा मिल सकता है. यदि आप इन्हें आज़माना चाहते हैं और बजट की चिंता नहीं है, तो एक मौका दिया जा सकता है.इसे भी पढ़ें-कमर से नीचे तक लटकती तोंद को ध्वस्त कर सकती हैं ये 5 चाय, सुबह से लेकर रात तक दो बार में ही काम तमाम, नाम जान लीजिए

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