Kirodilal Meena’s meetings with old leaders | सियासत का रंग बदलेगा : किरोड़ीलाल मीणा की पुराने नेताओं से मुलाकातों से बढ़ा राजनीतिक पारा

भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों प्रदेश की राजनीति में काफी सक्रिय हैं।
जयपुर
Published: March 03, 2022 05:43:46 pm
जयपुर। भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों प्रदेश की राजनीति में काफी सक्रिय हैं। रीट सहित युवाओं से जुड़े कई मुद्दों को लेकर मीणा लगातार सडक पर संघर्ष में जुटे है, वहीं पार्टी के पुराने नेताओं से भी मिल रहे है। मीणा की ये मुलाकातें सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। माना जा रहा हैं कि पार्टी आने वाले दिनों में मीणा को कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दे सकती है। कल उन्होंने राज्यसभा सांसद और पुराने मित्र ओम माथुर से मुलाकात की। दोनों के बीच प्रदेश की राजनीति को लेकर लंबी मंत्रणा हुई। इससे पहले वे भाजपा नेता घनश्याम तिवाड़ी से भी उनके आवास पर जाकर मिले थे। इन नेताओं से मीणा की मुलाकातों को लेकर प्रदेश भाजपा में भी चर्चाओं का नया दौर चल पड़ा है।

राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा
तिवाड़ी और मीणा दोनों पुराने संघनिष्ठ नेता माने जाते है। एक समय था कि जब दोनों ने राजनीतिक जीवन में पार्टी से ही किनारा कर लिया था।फिर दोनों ने अपनी मूल पार्टी में वापसी की। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दोनों का ही भाजपा में कद और बढ़ेगा। किरोड़ीलाल आज भी आंदोलनों में सक्रिय हैं। इसी तरह ओम माथुर भी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं और कई राज्यों के प्रभारी भी रहे है। ऐसे में इन नेताओं की मुलाकात से राजनीतिक सरगर्मिया तेज होना भी स्वाभाविक है।
रीट मामले पर सरकार की खिंचाई— रीट भर्ती परीक्षा मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ले धांधली को जिस तरह से किरोड़ी ने उजागर किया है, उसी का नतीजा है कि सरकार को रीट भर्ती परीक्षा लेवल—2 को रद्द करना पड़ा है। कई मसलों में किरोड़ी ने धरना—प्रदर्शन कर सरकार को प्रशासन को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। मगर रीट भर्ती परीक्षा मामले को उजागर करके उन्होंने भ्रष्टाचार की परतों को खोलकर रख दिया है, हालांकि संगठन से दूरी सभी को परेशान कर रही थी। कोई भी मामला हो किरोड़ी ने संगठन से अलग होकर ही अपना आंदोलन चलाया। रीट मामले में भी उन्होंने संगठन का कोई सहारा नहीं लिया। यह जरूर है कि किरोड़ी के मामला उठाने के बाद भाजपा नेता भी सक्रिय हुए और प्रदेशभर में मुहिम चलाई। इसके बाद किरोडीलाल भी भाजपा के प्रदर्शन में शामिल हुए। आने वाले दिनों में वे और ज्यादा सक्रिय होंगे।आलाकमान 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में पार्टी को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है।
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