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डीआरडीओ ने मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण किया.

Last Updated:May 06, 2025, 00:05 IST

Multi-Influence Ground Mine (MIGM): समंदर इतना बड़ा है कि हर जगह निगरानी कर पाना संभव नहीं है. जंग के हालातों में तो यह और जटिल हो जाता है. समंदर में ट्रैफिक भी लगातार जारी रहता है. ऐसे में वे इलाके जो कि डार्क…और पढ़ेंथ्री इन वन माइन के जाल से पाक का बचना मुश्किल, DRDO और नेवी का सफल परीक्षण

नए तरह की 3-इन-1 माइन

हाइलाइट्स

DRDO ने मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण किया.यह माइन तीन सेंसर तकनीकों पर काम करती है.इससे भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा.

Multi-Influence Ground Mine (MIGM):  समंदर में अब पाक नेवी को भारतीय समुद्री इलाके में आने से पहले सौ बार सोचना पड़ेगा. कहीं एक गलती उसके वॉरशिप या सबमरीन की आखिरी गलती ना हो जाए. यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने मिलकर मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण किया है. यह एडवांस अंडरवॉटर नेवल माइन सिस्टम है. इसे विशाखापत्तनम स्थित नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लैब और डीआरडीओ लैब ने मिलकर विकसित किया है. इस नए माइन से भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. दुश्मन का कोई भी स्टील्थ शिप हो या सबमरीन, कोई इस माइन से नहीं बच सकेगा.

क्या है मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन?समंदर में माइन बिछाने का काम दशकों पुराना है. अलग-अलग तरह के माइन भारतीय नौसेना में अब तक इस्तेमाल होते रहे हैं. लेकिन अब अलग-अलग माइन की खूबियां एक साथ एक माइन में मिल रही हैं. मसलन, यह 3 तरह के सेंसर इनपुट तकनीक पर काम करती है. इसमें मैग्नेटिक, अकॉस्टिक और प्रेशर के हिसाब से काम करती है. प्रेशर तकनीक के हिसाब से माइन पानी में एक सामान्य दबाव के तहत तैरती रहती है. लेकिन अगर कोई जहाज या फिर कोई सबमरीन उस माइन फील्ड के पास से गुजरती है तो माइन पर पड़ने वाला पानी का दबाव बदल जाता है या बढ़ जाता है. इस बदलाव को सेंसर तुरंत पकड़ लेते हैं और माइन ब्लास्ट हो जाती है. दूसरी तकनीक है मैग्नेटिक इंफ्लुएंस, इसमें यह पानी के अंदर मेटल की गतिविधियों को पहचानता है. तीसरी है अकॉस्टिक इंफ्लुएंस, यानी कि इस माइन के सेंसर आवाज और उससे होने वाली वाइब्रेशन को पकड़ते और उसे ट्रैक करते हैं. अगर माइन को किसी खास साउंड वेव या वाइब्रेशन पर सेट किया जाता है और किसी भी जहाज या सबमरीन के प्रोपेलर से आने वाली आवाज पहले से तय की गई सीमा से बाहर हो जाती है तो यह माइन एक्टिव हो जाती है. अभी तक नौसेना जितने भी माइन का इस्तेमाल करती है, वे इन्हीं तीनों तकनीकों पर काम करने वाले हैं, लेकिन सभी अलग-अलग तरह से. इस नई माइन में तीनों को एक में ही शामिल कर लिया गया है.

क्या है इसकी खासियत?यह देश की पहली मल्टी-इन्फ्लुएंस स्मार्ट नेवल माइन है जो लो सिग्नेचर डिटेक्शन तकनीक से लैस है, जिससे इसे दुश्मन के रडार या सोनार से छुपाया जा सकता है. यह स्मार्ट एक्टिवेशन लॉजिक पर काम करती है. यह इतनी सटीक होती है कि गलत एक्टिवेशन की संभावना खत्म हो जाती है. समंदर में NAVAREA वॉर्निंग तो लंबे समय से जारी होती रही है. जब भी किसी देश की नौसेना अपने इलाके में फायरिंग ड्रिल को अंजाम देती है तो उस इलाके से गुजरने वाले मर्चेंट शिप, वॉरशिप और अन्य मछली पकड़ने वाली नाव को आगाह किया जाता है. लेकिन जंग के हालातों में इसी तरह के माइन फील्ड बिछाकर अपने इलाके को ना सिर्फ सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि दुश्मन अटैक को भी विफल किया जा सकता है.

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