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डेब्‍यू और अखिरी टेस्‍ट में 10 विकेट, 200 विकेट लेने वाला पहला बॉलर, ब्रैडमैन पर करियर खत्म करने का आरोप!

नई दिल्‍ली. क्रिकेट को बहुत हद तक बैटर्स का गेम माना जाता है. इसमें बैटर्स को बॉलर्स से ज्‍यादा महत्‍व मिलता है. शायद यही कारण है कि डेब्‍यू टेस्‍ट में शतक जड़ने वाले बैटर्स को जितनी वाहवाही मिलती है, उतनी डेब्‍यू टेस्‍ट में 10 या इससे अधिक विकेट हासिल करने वाले बॉलर को नहीं मिल पाती. हकीकत यह है कि टेस्‍ट में 10+ विकेट लेना संभवत: शतक बनाने से भी मुश्किल काम है. क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट टेस्‍ट में अब तक 5 बैटर अपने डेब्‍यू और अंतिम टेस्‍ट में शतक लगाने का कारनामा कर चुके हैं. इसमें भारत के मोहम्मद अजहरुद्दीन, ऑस्‍ट्रेलिया के ग्रेग चैपल, रेगिनाल्‍ड डफ और विल पान्‍सफोर्ड और इंग्‍लैंड के एलिस्‍टर कुक शामिल हैं. दूसरी ओर, डेब्‍यू और अंतिम टेस्‍ट में 10+ विकेट लेने वाले बॉलर्स की संख्‍या तो इससे भी कम है.

टेस्‍ट क्रिकेट में अब तक केवल दो बॉलर अपने डेब्‍यू और आखिरी टेस्‍ट (10 or more wickets in Debut and last Tests) में 10 या इससे अधिक विकेट (मानक न्‍यूनतम दो टेस्‍ट) लेने का कमाल कर पाया है. यह बॉलर हैं टॉम रिचर्डसन (Tom Richardson) और ऑस्‍ट्रेलिया के क्‍लेरी ग्रिमेट (Clarrie Grimmett). इंग्‍लैंड के तेज गेंदबाज रिचर्डसन ने 1893 से 1898 तक 14 टेस्‍ट के करियर में 88 विकेट लिए. उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले और आखिरी टेस्‍ट में 10-10 विकेट लिए थे.

दूसरी ओर, ग्रिमेट ने  लेगब्रेक गुगली बॉलर की हैसियत से 1925 से 1936 के बीच 37 टेस्‍ट खेले और 24.21 के औसत से 216 विकेट हासिल किए. ग्रिमेट की कामयाबी ने ऑस्‍ट्रेलिया के कई बॉलर्स को रिस्‍ट स्पिनर बनने के लिए प्रेरित किया, इसमें शेन वॉर्न और स्‍टुअर्ट मैकगिल भी शामिल हैं. बता दें, टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे पहले 200 विकेट ग्रिमेट ने ही हासिल किए थे. दुर्भाग्‍यवश ग्रिमेट जिस दौर में क्रिकेट खेले, उस समय टेस्‍ट खेलने वाले देशों की संख्‍या काफी कम थी. इस कारण 11 साल के करियर में वे 37 टेस्‍ट ही खेल पाए. ज्‍यादा टेस्‍ट खेलने के लिए मिलने की स्थिति में वे अपने विकेटों को नई ऊंचाई पर पहुंचा सकते थे. ग्रिमेट के अलावा इंग्‍लैंड के चार्ल्‍स मैरियट (Charles Marriott) ने 1933 में अपने डेब्‍यू टेस्‍ट में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ 96 रन देकर 11 विकेट लिए थे. दुर्भाग्‍य वे इसके बाद कोई टेस्‍ट नहीं खेल सके और यही टेस्‍ट उनका आखिरी टेस्‍ट साबित हुआ.

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न्‍यूजीलैंड में जन्‍म हुआ पर ऑस्‍ट्रेलिया के लिए खेलेक्‍लीयरेंस विक्‍टर ग्रिमेट यानी क्‍लेरी ग्रिमेट का जन्‍म 25 दिसंबर 1891 को न्‍यूजीलैंड के कार्वेशम में हुआ. कम उम्र में ही कोच की सलाह पर उन्‍होंने स्पिन में हाथ आजमाया और कामयाबी हासिल करने लगे. 17 साल की उम्र में ही उन्‍होंने वेलिंगटन के लिए फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में डेब्‍यू किया. इस समय तक न्‍यूजीलैंड को टेस्‍ट क्रिकेट का दर्जा हासिल नहीं था. ऐसे में क्रिकेट करियर को परवान चढ़ाने के लिए ग्रिमेट ने 1914 में ऑस्‍ट्रेलिया का रुख किया जो ‘मास्‍टर स्‍ट्रोक’ साबित हुआ. ऑस्‍ट्रेलिया के लिए खेलते हुए ग्रिमेट और बिल ओ’रैली (Bill O’Reilly) की जोड़ी बैटरों के लिए मुश्किल का सबब बनती रही. 27 टेस्‍ट में 144 विकेट लेने वाले ओ’रैली तो अपने सहयोगी गेंदबाज की खेल कौशल के इतने कायल थे कि उन्‍होंने ग्रिमेट को न्‍यूजीलैंड की ओर से ऑस्‍ट्रेलिया को दिया ‘बेहतरीन क्रिसमस गिफ्ट’ करार दिया था. बता दें, ग्रिमेट का जन्‍म क्रिसमस को हुआ था.

इंग्‍लैंड के खिलाफ किया डेब्‍यू, 11 विकेट लिएऑस्‍ट्रेलिया में सिडनी और विक्‍टोरिया की ओर से खेलने के बाद ग्रिमेट को आखिरकार 34 वर्ष की उम्र में इंग्‍लैंड के खिलाफ सिडनी टेस्‍ट में डेब्‍यू का मौका मिला. फरवरी 1925 में इंग्‍लैंड के खिलाफ मिले इस मौके को दोनों हाथों से लपकते हुए उन्‍होंने मैच में 82 रन देकर 11 विकेट झटके, जिसमें पहली पारी में 45 रन देकर 5 और दूसरी पारी में 37 रन देकर 6 विकेट शामिल रहे. ग्रिमेट की घातक गेंदबाजी की दम पर ऑस्‍ट्रेलिया ने यह टेस्‍ट 307 रन के बड़े अंतर से जीता. पहले टेस्‍ट में इस प्रदर्शन के बाद तो ग्रिमेट का ग्राफ ऊपर ही चढ़ता गया.

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37 टेस्‍ट में सात बार 10 या अधिक विकेट लिए

अपने 37 टेस्‍ट के करियर में उन्‍होंने 21 बार पारी में 5 या इससे अधिक और 7 बार 10 या इससे अधिक विकेट हासिल किए. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 टेस्‍ट की सीरीज में 44 विकेट भी उन्‍होंने हासिल किए. यही नहीं, टेस्‍ट में 10 या इससे अधिक विकेट लेने वाले वाले वे दूसरे सबसे उम्रदराज बॉलर हैं. उन्‍होंने जुलाई 1936 में 44 वर्ष 65 दिन की उम्र में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन टेस्‍ट में 173 रन देकर 13 विकेट लिए थे. इस मामले में ऑस्‍ट्रेलिया के बर्ट आयरनमोंगर (Bert Ironmonger) का रिकॉर्ड ही ग्रिमेट से बेहतर है जिन्‍होंने फरवरी 1932 में लो स्‍कोरिंग वाले मेलबर्न टेस्‍ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 24 रन देकर 11 विकेट लिए थे.

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आखिरी तीन टेस्‍ट में 10 या इससे ज्‍यादा विकेट लिएफरवरी 1936 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन टेस्‍ट, ग्रिमेट के करियर का आखिरी टेस्‍ट साबित हुआ. इस टेस्‍ट में उन्‍होंने 173 रन देकर 13 विकेट लिए थे और ऑस्‍ट्रेलियाई टीम की पारी की जीत के हीरो बने थे. पहली पारी में उन्‍होंने 100 रन देकर 7 और दूसरी पारी में 73 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे. ग्रिमेट के ग्रेट बॉलर होने का इससे बड़ा प्रमाण और क्‍या हो सकता है कि उन्‍होंने अपने आखिरी तीन टेस्‍ट में 10 या इससे अधिक विकेट लिए. मेलबर्न टेस्‍ट से ठीक पहले उन्‍होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग (10/110) और केपटाउन टेस्‍ट (10/88) में भी 10-10 ‘शिकार’ किए थे. उनको 1931 में ब्रेडमैन के साथ विज्‍डन क्रिकेट ऑफ द ईयर चुना गया था. वर्ष 1980 में मौत के बाद ग्रिमेट को 1996 में ऑस्‍ट्रेलियन क्रिकेट हॉल ऑफ फेम और 2009 में आईसीसी क्रिकेट हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया.

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ब्रेडमैन पर लगा ग्रिमेट का करियर खत्‍म करने का आरोपयह बात हैरान करने वाली है कि जिस मेलबर्न टेस्‍ट में ग्रिमेन ने 13 विकेट लिए, वहीं उनका आखिरी टेस्‍ट साबित हुआ. वर्ष 1936-37 में ऑस्‍ट्रेलिया में होने वाली एशेज और इसके बाद 1938 में इंग्‍लैंड में होने वाली एशेज के लिए इस मैच विनर बॉलर को टीम में जगह नहीं मिली. स्पिनर बिल ओ’रैली तो ऑस्‍ट्रेलिया के तत्‍कालीन कप्‍तान डॉन ब्रेडमैन (Don Bradman) को ग्रिमेट का टेस्‍ट करियर ‘तबाह’ करने का जिम्‍मेदार मानते हैं. ओ’रैली न सिर्फ ग्रिमेट के बॉलिंग पार्टनर बल्कि अच्‍छे दोस्‍त भी थे. उन्‍हें ब्रेडमैन का कटु आलोचक माना जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओ’रैली के अलावा ऑस्‍ट्रेलिया की ओर से 18 टेस्‍ट खेले जैक फिंगलेटन भी डॉन को पसंद नहीं करते थे. इन दोनों का मानना था कि डॉन महान बैटर लेकिन स्‍वार्थी इनसान हैं. वक्‍त के साथ यह कड़वाहट और बढ़ती गई. क्रिकेट करियर खत्‍म होने के बाद ओ’रैली और जैक फिंगलेटन स्‍पोर्ट्स जर्नलिज्‍म से जुड़ गए. यह भी कहा जाता कि 1948 में अपने आखिरी टेस्‍ट पारी में जब ब्रेडमैन 0 पर आउट हुए थे तो ये दोनों (ओ’रैली और फिंगलेटन) हंस रहे थे.

Tags: Australian Cricket Team, Australian cricketer, Don bradman, Test cricket

FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 07:53 IST

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