DSP Vs ASP: डीएसपी और एएसपी में क्या होता है फर्क, कौन पहले बनता है SP? जानें तमाम डिटेल
DSP Vs ASP: DSP का मतलब डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस होता है. DSP की भर्ती आमतौर पर राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा संबंधित राज्यों की ग्रुप 1 परीक्षाओं द्वारा की जाती है. SP के पद पर प्रमोट होने के लिए DSP को आम तौर पर 10 से 12 साल लगते हैं, इस प्रकार उन्हें डायरेक्ट IPS भर्ती की तुलना में एक लेवल कम माना जाता है. असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) आमतौर पर एक IPS अधिकारी होता है, जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद सेवा में आ जाते हैं. वह जिला पुलिस प्रशासन के प्रमुख होने के 3 साल की सेवा के भीतर SP के पद पर पदोन्नत हो जाते हैं. आमतौर पर पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारी जैसे DIG, IG, DGP आदि ज्यादातर IPS अधिकारी होते हैं.
DSP (Deputy Superintendent Of Police)
DSP का फुल फॉर्म डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस है. उत्तर प्रदेश और राजस्थान में DSP को आमतौर पर एक सर्कल ऑफिसर (CO) के रूप में जाना जाता है. हालांकि CO एक रैंक नहीं बल्कि एक पद है. DSP वर्तमान में या तो उस रैंक पर सीधे नौकरी पाते हैं या इंस्पेक्टर के पद से प्रमोट करके बनाया जाता है. पश्चिम बंगाल में DSP को SDPO या सब डिवीजनल पुलिस ऑफिसर के रूप में जाना जाता है. वे पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट करते हैं. DSP पुलिस विभाग के कार्यों की समीक्षा करता है. इसमें पुलिस स्टेशनों का प्रशासन और प्रबंधन, अपराध को रोकना, जांच की देखभाल करना आदि शामिल हैं. झड़पों से बचने के लिए समारोहों और राजनीतिक रैलियों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करता है. राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना और उसका प्रबंधन करना और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना भी DSP के कार्यों में शामिल है.
ASP (Assistant Superintendent of Police)
ASP के दो फुल फॉर्म असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस और एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस होता है.
असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस:- यह DSP या CAPF के असिस्टेंट कमांडेंट के समकक्ष है. यह राजपत्रित पद है. केवल IPS अधिकारी ही अपने प्रोबेशन पीरियड के दौरान इस पद पर रहते हैं. फिर से अपने प्रोबेशन के पहले वर्ष के दौरान वे अपने कंधे पर IPS बैज के साथ एक स्टार पहनते हैं. इसके बाद प्रोबेशन पीरियड के दूसरे वर्ष में वे IPS बैज के साथ दो स्टार पहनते हैं. यह केवल एक ट्रेनी लेवल का पद है. आयुक्तालय में तैनात होने पर वे ACP (Assistant Commissioner Of Police) होते हैं.
एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस:- यह DSP और ASP (Assistant Superintendent of Police) से सीनियर होता है. यह राजपत्रित पद है. यह पद IPS अधिकारियों और राज्य पुलिस अधिकारियों के पास भी हो सकता है. आयुक्तालय में तैनात होने पर वे ADCP (Additional Deputy Commissioner Of Police) होते हैं. वे एक राष्ट्रीय प्रतीक (भारतीय सेना में एक मेजर के रूप में समान प्रतीक चिन्ह और पे बैंड) पहनते हैं. यह एक सीनियर टाइम स्केल पद है.
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FIRST PUBLISHED : April 08, 2023, 06:10 IST