Rajasthan

Due to change in temperature, migratory birds start returning to their country, stay in Sariska for 3 months – News18 हिंदी

पीयूष पाठक/अलवर. अलवर जिले का विश्व विख्यात सरिस्का टाइगर में बाघ, बाघिन, पैंथर के साथ पिछले कुछ महीनों से प्रवासी पक्षियों से भी आबाद है. लेकिन लगातार मौसम में करवट के चलते दिन में तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. जिससे प्रवासी पक्षी अपने घर की ओर लौटने को मजबूर होने लगे हैं. अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगल में रूस, कजाकिस्तान, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी यूरोप सहित कई अन्य जगहों से प्रवासी पक्षी सरिस्का टाइगर रिजर्व पहुंचते हैं. इन प्रवासी पक्षियों का सरिस्का में 3 महीने का प्रवास रहता है. यह अपने वतन से नवंबर में आने लगते हैं और मार्च तक सरिस्का के जंगलों में रहते हैं.

सरिस्का से जुड़े नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगलों में बहुत अधिक तादाद में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं. इनमें बार हेडेड गूज व रूडी शेलडक शामिल रहते हैं. लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि यह पक्षी नवंबर माह में आना शुरू हो जाते हैं व मार्च के दूसरे सप्ताह तक यह पक्षी सरिस्का के जंगलों में रहते हैं. यह पक्षी 3 महीने तक सरिस्का टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटकों को भी खूब लुभाते हैं. नवंबर से लेकर मार्च तक सरिस्का में बाघ, बाघिन व वन्यजीवों के साथ ही प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं.

तापमान में बदलाव के चलते लौटे प्रवासी पक्षी
लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि प्रवासी पक्षियों का प्रवास 3 महीने तक रहता है. लेकिन इस बार तापमान के चलते प्रवासी पक्षी अभी से ही अपने घर की ओर लौटने लगे हैं. कई प्रवासी पक्षी अपने घरों की ओर निकल चुके हैं, तो कुछ अभी सरिस्का में बचे हैं. बार हेडेड गुज सर्दियों के मौसम में तिब्बत, कजाकिस्तान, मंगोलिया, रूस आदि जगहों से एक लंबा सफर तय कर सरिस्का पहुंचते हैं. यह एक ऐसा पक्षी है जो सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ता है. लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि यह पक्षी सरिस्का में करना का बास लेक, हनुमान सागर लेक, मंगलसर लेक के आसपास देखे जाते हैं.

यह पक्षी आते है अपने देश से सरिस्का
सरिस्का टाइगर रिजर्व में नवंबर के दिनों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं. सरिस्का के जलाशयों के आसपास बार पेंटेड स्टार्क, बार हेडेड बुल्स, पर्फल हेरोन, स्पून विल, स्पॉट बिल जैसे पक्षी डेरा जमाते हैं. यह प्रवासी पक्षी यूरोप, साइबेरिया, रूस, जापान अन्य देशों से आते हैं. यह प्रवासी पक्षी यहां प्रजनन के साथ ही विदेशों में कड़ाके की सर्दी ,बर्फबारी से बचने एवं भोजन की कमी के चलते हर साल सरिस्का टाइगर रिजर्व आते हैं. सर्द मौसम खत्म होने के बाद यह अपने-अपने इलाके में वापस पहुंच जाते हैं.

Tags: Alwar News, Local18, Rajasthan news

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