बाजार की सुस्ती से रिटेल निवेशकों का जोश ठंडा पड़ा, नए निवेशक घटे, अगस्त में 18 फीसदी की गिरावट

Last Updated:September 16, 2025, 16:27 IST
अगस्त में एनएसई पर नए निवेशकों की एंट्री 18 फीसदी घट गई, जिससे लगातार पांच महीने की बढ़त थम गई. हालांकि रफ्तार धीमी रही, फिर भी कुल निवेशक आधार बढ़कर 11.9 करोड़ तक पहुंच गया.रेगुलेशन और मंदी के असर से अगस्त में नए निवेशक कम हुए.(Image:AI)
नई दिल्ली. अगस्त महीना शेयर बाज़ार के लिए निवेशक रजिस्ट्रेशन के लिहाज से निराशाजनक साबित हुआ. एनएसई (NSE) की ताजा मार्केट पल्स रिपोर्ट के मुताबिक, नए निवेशकों के खाते खोलने की संख्या जुलाई के मुकाबले 18.3 फीसदी कम हो गई. लगातार चार महीने की बढ़त के बाद यह पहली गिरावट है, हालांकि एनएसई का कुल निवेशक आधार अब भी बढ़कर 11.9 करोड़ पर पहुंच गया है.
बाजार की सुस्ती बनी बड़ी वजह
रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में सिर्फ 12.3 लाख नए खाते खुले, जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 15.1 लाख था. पिछले साल अगस्त के मुकाबले तो यह गिरावट लगभग 37 फीसदी रही, जब 19.5 लाख खाते खुले थे. वेंचुरा सिक्योरिटीज के जुजर गबाजिवाला का मानना है कि स्मॉल कैप और अन्य सेगमेंट में गिरावट की वजह से रिटेल निवेशक पीछे हटे हैं. उन्होंने कहा कि एक्टिव यूजर्स की संख्या ज़्यादा नहीं घटी है, लेकिन बाजार के मौजूदा हालात ने रफ्तार जरूर धीमी कर दी है.
रेगुलेशन और त्योहार सीजन का असरफिसडॉम के निरव करकेरा ने बताया कि रेगुलेटरी बदलावों और कमजोर बाजार स्थितियों ने ट्रेडिंग वॉल्यूम पर दबाव डाला है. साथ ही, बड़ी संख्या में नए निवेशक पहले ही बाज़ार से जुड़ चुके हैं, जिससे स्वाभाविक रूप से बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी पड़ रही है. उनका मानना है कि आगे भी यह उतार-चढ़ाव बाजार की हालत के हिसाब से चलता रहेगा.
राज्यों में भी दिखा असरमार्केट पल्स रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने मिलकर अगस्त में नए खातों का 46 फीसदी हिस्सा जोड़ा. लेकिन इन राज्यों में भी औसतन 17.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. यूपी में सबसे ज़्यादा 1.7 लाख नए खाते खुले, लेकिन यह जुलाई से 13.4 फीसदी और पिछले साल अगस्त से 40.1 फीसदी कम रहे. महाराष्ट्र में 1.4 लाख (24.1% गिरावट), गुजरात में 1.1 लाख (18.5 फीसदी गिरावट), तमिलनाडु में 0.9 लाख (17.2 फीसदी गिरावट) और पश्चिम बंगाल में 0.6 लाख (20.7 फीसदी गिरावट) नए रजिस्ट्रेशन हुए.
Rakesh Singh
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
September 16, 2025, 16:27 IST
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