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Dulharai did not get the importance he deserved in history | Jaipur Literature Festival 2023 : इतिहास में दूल्हाराय को उतना महत्व नहीं मिला, जिसके वो हकदार थे

locationजयपुरPublished: Jan 20, 2023 08:15:39 pm

दूल्हाराय ‘कॉनक्वेस्ट ऑफ दौसा: द अर्ली हिस्ट्री ऑफ द कछावाज में देवराज सिंह ने दौसा के प्राचीन शासक दूल्हाराय और उनकी पीढ़ियों द्वारा ढूंढाड़ के कछावा वंश के अभ्युध्य का गहराई से वर्णन किया है।

Jaipur Literature Festival 2023 : दूल्हाराय 'कॉनक्वेस्ट ऑफ दौसा: द अर्ली हिस्ट्री ऑफ द कछावाज, इतिहास में दूल्हाराय को उतना महत्व नहीं मिला, जिसके वो हकदार थे

Jaipur Literature Festival 2023 : दूल्हाराय ‘कॉनक्वेस्ट ऑफ दौसा: द अर्ली हिस्ट्री ऑफ द कछावाज, इतिहास में दूल्हाराय को उतना महत्व नहीं मिला, जिसके वो हकदार थे

दूल्हाराय ‘कॉनक्वेस्ट ऑफ दौसा: द अर्ली हिस्ट्री ऑफ द कछावाज में देवराज सिंह ने दौसा के प्राचीन शासक दूल्हाराय और उनकी पीढ़ियों द्वारा ढूंढाड़ के कछावा वंश के अभ्युध्य का गहराई से वर्णन किया है। देवराज ने कहा कि इतिहास में शासक दूल्हाराय को उतना महत्व नहीं दिया गया है, जितने के वे हकदार हैं। इसलिए मैंने यह पुस्तक लिखने की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि आमेर और मुगलों के बीच संधियां राजनीतिक थी न कि ग्रामीण संस्कृति की। इसमें मैंने कच्छवाहा वंश के साथ ही प्रतिहार योद्धाओं की वीरता को भी समाहित किया है।

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