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Last Updated:October 29, 2025, 11:53 IST

Animal Husbandry: राजस्थान में पशुपालन को नई दिशा देने के लिए बीकानेर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी अब दुंबा भेड़ पर रिसर्च शुरू करने जा रही है. यह नस्ल अपने उच्च मांस उत्पादन और तेजी से वजन बढ़ने के लिए जानी जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना पशुपालकों की आय दोगुनी कर सकती है.

बीकानेर. राजस्थान में अब भेड़ भी किसानों को मालामाल करेगी. इसके लिए बीकानेर की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में पहली बार अविकानगर से 6 दुंबा भेड़ लाई गई है. यह दुनिया की सबसे महंगी भेड़ है। यूनिवर्सिटी इस पर रिसर्च करेगी कि यह राजस्थान में माहौल में ढल सकती है या नहीं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो यह राजस्थान के पशुपालकों के लिए धन कुबेर साबित होगी.

कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक डॉ शंकर ने बताया कि यहां समन्वित कृषि प्रणाली इकाई के अंदर दुंबा भेड़ पालन की इकाई शुरू की है. केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में दुंबा भेड़ पर काफी काम चल रहा था. फिर यहां से स्वामी केशवानंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में दुंबा भेड़ लेकर आए. यहां पांच मादा भेड़ और एक नर भेड़ लेकर आए है. इस दुंबा भेड़ पालन से किसानों को काफी फायदा होता है. यह साधारण भेड़ पर जितना खर्चा होता है उतना ही इस दुंबा भेड़ पर खर्चा होता है लेकिन इससे मुनाफा ज्यादा होता है. इस शुष्क इलाके में इस भेड़ की रहने की प्रबल संभावना है. आने वाले समय में 50 से अधिक भेड़ों की संख्या करनी है. करीब छह से सालभर में किसानों और पशुपालकों को कम कीमत में दुंबा भेड़ देना शुरू करेंगे.

अब बीकानेर में इस भेड़ पर कार्य शुरू हुआ है. दुंबा भेड़ पर काम शुरू होगा और दुंबा भेड़ों की संख्या बढ़ेगी तो फिर किसानों और पशुपालकों को यह दुंबा भेड़ नस्ल सुधार और ज्यादा मुनाफा के लिए दी जाएगी. यह दुंबा भेड़ सबसे पहले उन पशुपालकों को दिया जाएगा तो अच्छा काम कर रहे है और जो अच्छा काम करना चाहते है. शुष्क इलाके में कम खर्चे में इस भेड़ का पालन किया जा सकता है.

यह है दुंबा भेड़ की खासियतवे बताते है कि सामान्य भेड़ों की तुलना में इस दुंबा भेड़ की ग्रोथ भी काफी अच्छी है. इस दुंबा भेड़ का बच्चे का वजन देशी भेड़ के बच्चे की तुलना में दो से तीन किलो ज्यादा ही होता है. देशी भेड़ का बच्चे का वजन 2 से 3 किलो होता है वहीं दुंबा भेड़ के बच्चे का वजन 5 से 6 किलो का होता है. इसके बाद भी देशी भेड़ की तुलना में ज्यादा बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा वयस्क देशी भेड़ का वजन 30 से 35 किलो होता है तो वहीं दुंबा भेड़ का वजन 50 से 60 किलो होता है.

साथ ही नर भेड़ का वजन एक क्विंटल तक चला जाता है. इस दुंबा भेड़ को अन्य भेड़ से अलग इसलिए बनाता है कि इस दुंबा भेड़ की पूंछ नहीं होती है बल्कि त्वचा लटकी हुई होती है जो काफी बड़ी होती है. इस भेड़ के पीछे दुंब जैसा होता है तो इसी वजह से इसे दुंबा भेड़ कहा जाता है. इस भेड़ का जीवनकाल 12 से 15 साल होता है.

यह दुंबा भेड़ ऊन उत्पादन के लिए काम में नहीं ली जाती है बल्कि यह मीट उत्पादन के लिए काम में ली जाती है. वहीं यह दुंबा भेड़ साल में दो बार बच्चे को जन्म देती है और एक बार में सिर्फ एक बच्चा ही देती है.

वे बताते है कि ज्यादा गर्मी और सर्दी होने से इस दुंबा भेड़ को ज्यादा समस्या नहीं आती है. यह साधारण भेड़ों की तरह आसानी से रहती है. दुंबा भेड़ में बीमारियां कम देखी जाती है. वे बताते है कि जहां आम भेड़ की कीमत 5 से 10 हजार में बेची जाती है तो वहीं दुंबा भेड़ 60 हजार से एक लाख तक बेची जाती है.

दुंबा भेड़ों पर काम कर रहेशंकर ने बताया कि यह विदेशी भेड़ है जिसका पूरे भारत में इस भेड़ की काफी मांग है. किसान इस भेड़ का पालन करना चाहते है. यह भेड़ सऊदी अरब, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बड़ी संख्या में पाई जाती है. वहीं अब शुष्क इलाके जैसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश और गुजरात में कुछ पशुपालक इन दुंबा भेड़ों पर काम कर रहे है.

Jagriti Dubey

With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें

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Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

October 29, 2025, 11:53 IST

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दुंबा भेड़ से होगी ‘लाखों की कमाई’! राजस्थान में शुरू बड़ा रिसर्च प्रोजेक्ट

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