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DY Chandrachud, NLU Delhi, Supreme Court, supreme court of india: बड़े-बडे़ फैसले देने वाले EX CJI चंद्रचूड़ अब क्या कर रहे? कहां किया ज्वाइन, क्‍या है उनका अपडेट?

Last Updated:May 16, 2025, 16:58 IST

DY Chandrachud News, NLU Delhi: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ अब नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली में डिस्टिंग्विश प्रोफेसर के रूप में पढ़ाएंगे. वह सेंटर फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल स्टडीज के रिसर्च…और पढ़ेंबड़े-बडे़ फैसले देने वाले EX CJI चंद्रचूड़ अब क्या कर रहे? कहां किया ज्वाइन

DY Chandrachud News, NLU Delhi, Supreme court of India: जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ अब क्‍या कर रहे हैं?

हाइलाइट्स

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ NLU दिल्ली में प्रोफेसर बने.चंद्रचूड़ सेंटर फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल स्टडीज के रिसर्च डायरेक्टर होंगे.पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कई बड़े फैसले दिए.

DY Chandrachud News, NLU Delhi: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ एक बार फ‍िर सुर्खियों में हैं.अब वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली (NLU)में पढाते नजर आएंगे.चंद्रचूड़ यहां डिस्टिंग्विश प्रोफेसर के रूप में स्टूडेंट्स को कानूनी दांव-पेंच बताएंगे.नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से इसकी जानकारी दी गई. यूनिवर्सिटी ने लिखा है कि हम भारत किे पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का डिस्टिंग्विश प्रोफेसर के रूप में स्वागत करते हुए अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहे हैं.नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली एक सेंटर फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल स्टडीज स्थापित करेगा.जिसके रिसर्च डायरेक्टर का कार्यभार जस्टिस चंद्रचूड़ संभालेंगे.जिसके बाद चंद्रचूड़ एक बार फ‍िर से चर्चा में हैं.जस्टिस डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ उन तमाम स्टूडेंट्स के लिए एक मिसाल भी हैं जो वकालत की दुनिया में कुछ बड़े सपने देखते हैं, तो आइए आपको बताते हैं उनकी पूरी कहानी…

जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ का पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) है.चंद्रचूड़ का नाम आज भारत की न्यायपालिका में एक मिसाल है. वह 9 नवंबर 2022 से 10 नवंबर 2024 तक भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश(CJI)रहे.चंद्रचूड़ ने अपने कई फैसलों और न्यायपालिका को आधुनिक बनाने के प्रयासों से सबका ध्यान खींचा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका सफर कहां से शुरू हुआ? कैसे एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने देश के सबसे बड़े न्यायिक पद तक का रास्ता तय किया?

कैसी थी चंद्रचूड़ की शुरूआती जिंदगी

जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को मुंबई में हुआ. उनका बचपन काफी संघर्षों में बीता.उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Y.V. Chandrachud) एक साधारण वकील थे, लेकिन बाद में उन्‍होंने अपनी मेहनत और योग्‍यता के दम पर अपनी पहचान बनाई और बाद में भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश बने.उनकी मां प्रभा चंद्रचूड़ एक शास्त्रीय संगीतकार थीं,जिन्हें कठिन परिस्थितियों में परिवार चलाना पड़ा. चंद्रचूड़ ने एक मीडिया इंटरव्‍यू में बताया था कि उनकी मां कपड़े धोने के लिए पास की पानी की टंकी तक गठरी ले जाती थीं और उनके पिता के मुवक्किल सुबह 5 बजे घर आ जाया करते थे.चंद्रचूड़ का परिवार पहले महाराष्ट्र के खेद गांव में रहता था.जहां उनका एक साढ़े तीन एकड़ का एक पुश्तैनी चंद्रचूड़ वाड़ा था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनकी परदादी ने अपने 9 बच्चों के भविष्य के लिए गहने गिरवी रख दिए. इस बलिदान ने परिवार में शिक्षा की नींव डाली,जिसका फल चंद्रचूड़ को मिला.

सेंट स्टीफंस से हार्वर्ड तक

चंद्रचूड़ की पढ़ाई देश के बेहतरीन संस्थानों में हुई. उन्होंने मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल और दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र और गणित में बीए ऑनर्स किया. कानून की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर गए, जहां 1982 में एलएलबी की डिग्री हासिल की.उनकी प्रतिभा ने उन्हें इनलाक्स स्कॉलरशिप दिलाई.जिसके जरिए वे हार्वर्ड लॉ स्कूल गए.वहां उन्होंने 1986 में एलएलएम (मास्टर्स इन लॉ)और डॉक्टरेट इन ज्यूरिडिकल साइंसेज (SJD)पूरी की.

वकील से जस्‍टिस तक

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया और बॉम्बे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की. उन्होंने गुजरात,कलकत्ता,इलाहाबाद,मध्य प्रदेश और दिल्ली के हाईकोर्ट में भी प्रैक्टिस की. उनकी मेहनत और कानूनी समझ ने उन्हें 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट का वरिष्ठ अधिवक्ता बना दिया.उसी साल उन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बनाया गया.वह वर्ष 2000 तक इस पद पर रहे.चंद्रचूड़ ने मुंबई विश्वविद्यालय और अमेरिका के ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में भी पढ़ाया.सबसे पहले उन्‍हें वर्ष 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया,जहां उन्होंने 13 साल तक सेवाएं दीं.2013 में वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने.2016 में उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोशन मिला.2022 में वह 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने.उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक रहा.

पिता-पुत्र दोनों बने CJI

चंद्रचूड़ का CJI बनना कोई संयोग नहीं था. उनके पिता यशवंत चंद्रचूड़ भी 1978 से 1985 तक भारत के 16वें CJI रहे.वह सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश थे. पिता-पुत्र की यह जोड़ी भारत की एकमात्र ऐसी जोड़ी है,जिसने CJI का पद संभाला. दोनों ने मिलकर 9 साल तक यह जिम्मेदारी निभाई.चंद्रचूड़ ने अपने पिता के दो विवादास्पद फैसलों को भी पलट दिया.

authorimgDhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ें

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