E-KYC: ई-केवाईसी करने के माध्यम में मिली राहत, फिंगरप्रिंट या आईरिस नहीं होने पर भी ऑफलाइन मोड से होगा काम

Last Updated:May 11, 2025, 19:40 IST
E-KYC: राजस्थान सरकार ने वृद्धजन, दिव्यांगजन और मोबाइल नंबर लिंक न होने वाले लाभार्थियों के लिए ऑफलाइन ई-केवाईसी की व्यवस्था लागू की है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.
ई-केवाईसी
हाइलाइट्स
राजस्थान में वृद्धजन और दिव्यांगजन के लिए ऑफलाइन ई-केवाईसी लागूऑफलाइन ई-केवाईसी से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगानई व्यवस्था से तकनीकी समस्याओं से राहत मिलेगी
नागौर. राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उन हजारों लाभार्थियों को बड़ी राहत दी है, जो तकनीकी कारणों से लंबे समय से सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे थे. विशेष रूप से वृद्धजन, दिव्यांगजन और वे लोग जिनके आधार में बायोमेट्रिक विवरण (फिंगरप्रिंट या आईरिस) अपठनीय हैं या जिनके आधार में मोबाइल नंबर लिंक नहीं है, अब उन्हें योजना लाभप्राप्त करने के लिए ऑनलाइन ई-केवाईसी की अनिवार्यता से छुटकारा मिलेगा.
ऑफलाइन ई-केवाईसी की नई व्यवस्थासरकार ने इनके लिए ऑफलाइन ई-केवाईसी की नई व्यवस्था लागू की है. बीते वर्षों में पेंशन, राशन कार्ड, सामाजिक सुरक्षा बीमा, उज्ज्वला योजना जैसी दर्जनों सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को जन आधार और आधार कार्ड से जुड़े ई-केवाईसी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. परंतु वृद्धजनों और दिव्यांगजनों की उंगलियों के निशान या आंखों के स्कैन स्पष्ट नहीं होने से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण असफल हो जाता था. वहीं, जिन लोगों के आधार में मोबाइल नंबर लिंक नहीं था, उन्हें ओटीपी आधारित सत्यापन भी नहीं मिल पाता था.
बनाएगी आत्मनिर्भर और सशक्त इस वजह से ऐसे हजारों पात्र लाभार्थी योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाते थे या बार-बार चक्कर लगाने को मजबूर होते थे. राज्य सरकार का यह फैसला उन सभी जरूरतमंद नागरिकों के लिए एक आशा की किरण है, जो तकनीकी बदलावों की दौड़ में पीछे छूट गए थे. ऑफलाइन ई-केवाईसी व्यवस्था न केवल उनकी गरिमा की रक्षा करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त भी बनाएगी.
नई गाइडलाइन से मिलेगी राहत आधार प्राधिकरण के शासन सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों में ऑफलाइन ई-केवाईसी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इस नई व्यवस्था में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में उपखंड अधिकारी को द्वितीय सत्यापनकर्ता बनाया गया है. इन अधिकारियों की एसएसओ आईडी पर ऑफलाइन ई-केवाईसी का विकल्प उपलब्ध करा दिया गया है. इसका सीधा लाभ उन नागरिकों को मिलेगा जिनके फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन नहीं हो पाते या जिनके आधार में मोबाइल नंबर नहीं जुड़ा है.
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फिंगरप्रिंट या आईरिस नहीं होने पर भी करवा सकेंगे ई-केवाईसी, जानें नया तरीका