Easiest Engineering Courses after 10th without JEE | इंजीनियरिंग का ये सबसे आसान कोर्स!

Last Updated:May 10, 2025, 17:05 IST
Easiest Engineering Course: अगर आप 10वीं पास कर चुके हैं और सबसे आसान इंजीनियरिंग कोर्स की तलाश कर रहे हैं, तो नीचे दिए गए इन कोर्सों के बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं.
Easiest Engineering Courses: इंजीनियरिंग का ये सबसे आसान कोर्स है.
हाइलाइट्स
इंजीनियरिंग का ये सबसे आसान कोर्स है.इसमें 4 साल को टेंशन नहीं होता है.इन कोर्सेज की फीस भी अधिक नहीं है.
Easiest Engineering Course: अगर आप कक्षा 10वीं पास कर चुके हैं और यदि आप एक आसान, प्रैक्टिकल और नौकरी के अवसरों से भरपूर कोर्स की तलाश में हैं, तो कंप्यूटर इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा सबसे बेहतर विकल्प हो सकते हैं. ये कोर्स आपको जल्दी कामकाजी दुनिया में प्रवेश दिलाने में मदद करेंगे और आगे की पढ़ाई के लिए भी रास्ते खोलेंगे.
यहां 10वीं के बाद कुछ सबसे आसान इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स, उनके स्कोप और नौकरी के अवसरों की विस्तृत जानकारी दी गई है, ताकि आप सही निर्णय ले सकें:
कंप्यूटर इंजीनियरिंग / आईटी में डिप्लोमा (Diploma in Computer Engineering / IT)यह क्यों आसान है?गणित और इलेक्ट्रॉनिक्स की तुलना में कम थ्योरेटिकल स्टडी.मुख्य रूप से प्रैक्टिकल कोडिंग, सॉफ़्टवेयर और आईटी उपकरणों पर ध्यान.हार्डवेयर की गहरी समझ की आवश्यकता नहीं होती.स्कोपआगे की पढ़ाई: बी.टेक (कंप्यूटर साइंस/आईटी) में लैटरल एंट्रीसर्टिफिकेट: प्रोग्रामिंग, नेटवर्किंग और साइबर सुरक्षा में सर्टिफिकेट नौकरी के अवसरों को बढ़ा सकते हैं.नौकरी के अवसरडेटा एंट्री ऑपरेटरआईटी सपोर्ट तकनीशियनजूनियर वेब डेवलपरहेल्प डेस्क एग्जीक्यूटिवकंप्यूटर लैब असिस्टेंट
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Civil Engineering)यह क्यों आसान है?अधिकतर कार्य बुनियादी भौतिकी, साइट कार्य और ड्राइंग पर आधारित होते हैं.कम थ्योरेटिकल नॉलेज, अधिक क्षेत्र आधारित और दृश्य समझस्कोपहमेशा रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के कारण मांग में रहता है.आगे की पढ़ाई: सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक में लैटरल एंट्रीनौकरी के अवसरसाइट सुपरवाइजरजूनियर सिविल इंजीनियरऑटोकैड तकनीशियनसुपरवाइजरकंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Mechanical Engineering)यह क्यों अपेक्षाकृत आसान है?वर्कशॉप ट्रेनिंग और मशीनों की मूल बातें शामिल होती हैं.थ्योरेटिकल विषयों को प्रैक्टिकल स्टडी के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है.स्कोपमैन्युफैक्चरिंग, प्रोडॉक्शन और ऑटोमोटिव क्षेत्रों के लिए अच्छा आधार है.प्रतियोगी परीक्षाएं: SSC JE और अन्य सरकारी क्षेत्र की परीक्षाओं के लिए उपयोगी होता है.नौकरी के अवसरमशीन ऑपरेटरअसिस्टेंट डिजाइन इंजीनियरमेंटेनेंस टेक्नीशियनप्रोडक्शन सुपरवाइजर
इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में डिप्लोमा (Diploma in Electronics & Communication)यह क्यों आसान है?बुनियादी सर्किट, कम्युनिकेशन सिस्टम और डिवाइस पर काम करना आसान होता है.थ्योरेटिकल और प्रयोगशाला कार्य का संतुलित मिश्रण है.स्कोपदूरसंचार, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और एम्बेडेड सिस्टम में करियरआगे की पढ़ाई: इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बी.टेक में लैटरल एंट्रीनौकरी के अवसरपीसीबी तकनीशियनफील्ड सर्विस इंजीनियरटेली कम्युनिकेशन असिस्टेंटइलेक्ट्रॉनिक्स मेंटेनेंस टेक्नीशियन
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Munna Kumar
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में Hin…और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में Hin… और पढ़ें
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न 4 साल की टेंशन, न भारी फीस, इंजीनियरिंग का ये सबसे आसान कोर्स!