खाओ चाहे मण-थाली में न छोड़ो कण, शादी समारोह में भोजन की बर्बादी के खिलाफ यह शख्स चला रहा अनूठी मुहिम!

Last Updated:March 17, 2025, 14:48 IST
झुंझुनूं के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल पितराम गोदारा ने ‘खाओ चाहे मण-थाली में न छोड़ो कण’ मुहिम शुरू की है. वे शादियों में भोजन की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं.X
खाओ चाहे मण-थाली में न छोड़ो कण, शादी समारोह में भोजन की बर्बादी के खिलाफ सेवानि
हाइलाइट्स
पितराम गोदारा ने भोजन बर्बादी रोकने की मुहिम शुरू कीशादियों में बैनर लगाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं50 हजार से अधिक लोगों को शपथ दिला चुके हैं
झुंझुनूं में शादी समारोह में भोजन की बर्बादी रोकने के लिए जिले के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल पितराम गोदारा ने अनूठी मुहिम छेड़ रखी है. उनकी सोच है कि ‘खाओ चाहे मण-थाली में न छोड़ो कण’ मुहिम चलाने वाले गोदारा जिले में शादियों में जूठन नहीं छोड़ने के लिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने झुंझुनूं शहर से की और डेढ़ माह में ही उनकी यह मुहिम पूरे जिले में फैल गई. वे जहां भी जाते हैं वहां भोजन की बर्बादी नहीं करने का संदेश देते हैं. खासकर स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों को ‘खाओ चाहे मण-थाली में न छोड़ो कण’ की शपथ दिलवा रहे हैं.
पितराम ने बताया कि उन्हें जहां भी शादी नजर आती है, वे वहां भोजन पांडाल में बैनर लगा देते हैं. ताकि लोगों की उस पर नजर जाए और भोजन की बर्बादी को रोक सके. उनका मकसद है कि शादियों में बचने वाला भोजन जरूरतमंदों तक पहुंचाकर पुण्य कमाया जा सकता है. उनकी यह मुहिम अब पड़ोसी जिलों नागौर, चूरू, अलवर व सीकर में भी पहुंच गई है. गोदारा 18 जनवरी से अब तक 115 स्थानों पर कार्यक्रम कर भोजन की बर्बादी रोकने के लिए 50 हजार से अधिक लोगों को शपथ दिला चुके हैं. उनकी मुहिम से प्रभावित होकर हरियाणा की खांप पंचायतों ने भी बर्बादी रोकने का प्रस्ताव पास किया है.
मुहिम की शुरुआत की कहानी भी अनूठी है. गोदारा बताते हैं कि 17 जनवरी को झुंझुनूं शहर के बंधे का बालाजी मंदिर परिसर में एक शादी समारोह में परिवार समेत गए थे. उनकी पोती ने फास्ट फूड की प्लेट ली. एक दो चम्मच खाया और बाकी छोड़ने लगी. इस पर उन्होंने पोती व उसकी मम्मी को टोका. गोदारा बताते हैं कि उस दिन उनके दिमाग में यह बात बैठ गई कि हम शादियों में कितना भोजन व्यर्थ करते हैं. इसलिए उसी दिन से भोजन की बर्बादी नहीं करने का संकल्प लिया. शुरुआत घर से की और फिर पड़ोसियों को जोड़ते हुए इसे मुहिम का रूप दे दिया. उसके बाद से गोदारा लोगों को प्लेट में व्यर्थ भोजन नहीं छोड़ने की शपथ दिलवाने में जुट गए.
शादी समारोह में लगा रहे बैनर :भोजन की बर्बादी रोकने के लिए गोदारा को जहां भी कोई शादी समारोह नजर आता है, वे वहां पहुंच जाते हैं. वहां भोजन पांडाल में स्लोगन लिखे बैनर लगा देते हैं. इन बैनरों पर ‘खाओ चाहे मण थाली में न छोड़ो कण’ और उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में… जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं. लोग इन्हें देखकर जरूरत जितना ही भोजन थाली में लेने लगे हैं.
उन्होंने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस वालों से भी शादी कार्डों के ऊपर ऐसे ही स्लोगन लिखने की अपील की है. ताकि लोगों में यह आदत ही बन जाए. गोदारा बताते हैं कि अभी तक के दौरान 23 हजार से -अधिक छात्र- छात्राओं को शपथ दिला चुके हैं. 15 से अधिक शादी समारोह में स्लोगन लिखे बैनर लगा चुके हैं. दशोठन, प्रीति भोज, सवामणी जैसे कार्यक्रमों में लोगों को इस बारे में प्रोत्साहित करते हैं.
पितराम गोदारा का कहना है कि भारत कृषि प्रधान देश है. किसान अधिक परिश्रम कर अन्न उत्पादन करते हैं. फिर जनसंख्या अधिक होना सबको पेट भरने में सक्षम नहीं है. एक अनुमान के अनुसार देश के 20 करोड़ से अधिक लोग एक समय भोजन कर गुजारा करते हैं. विवाह-शादियों, सामूहिक जूठन के रूप में भोजन को डस्टबिन में डाल दिया जाता है. फिर इसे खाली भूमि पर डाल दिया जाता है. यह सड़ कर पर्यावरण को प्रदूषित करता है. फूड पॉइजनिंग से कई बार पशु-पक्षी मर जाते हैं. आर्थिक नुकसान तो होता भी है. इसलिए यह मुहिम चला रहे हैं.
Location :
Jhunjhunu,Rajasthan
First Published :
March 17, 2025, 14:48 IST
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शादी समारोह में भोजन की बर्बादी के खिलाफ यह शख्स चला रहा अनूठी मुहिम!