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राजस्थान: कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियवास के घर ईडी की छापेमारी.

Last Updated:April 16, 2025, 10:10 IST

Pratap Singh Khachariyawas ED Raid: पीएसीएल चिटफंड मामला भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है, जिसमें कंपनी ने 18 साल में लगभग 5.8 करोड़ निवेशकों से 49,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अवैध सामूहिक निव…और पढ़ेंक्या है ये पीएसीएल मामला? जिस पर ED ने खाचरियावास घर मारे छापे

प्रताप सिंह खाचरियावास के घर पर ईडी की छापेमारी.

हाइलाइट्स

ईडी ने खाचरियावास के घर पर छापा मारा.पीएसीएल चिटफंड घोटाला 49,100 करोड़ रुपये का है.खाचरियावास ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया.

जयपुरः राजस्थान के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियवास के घर पर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की. ईडी की यह छापेमारी पीएसीएल चिटफंड घोटाला मामले में की गई है. यह घोटाला 48000 करोड़ से अधिक का है. पीएसीएल (Pearls Agrotech Corporation Limited) मामला भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है, जिसमें कंपनी ने 18 वर्षों में लगभग 5.8 करोड़ निवेशकों से 49,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं (Collective Investment Schemes – CIS) के जरिए जुटाई थी. यह घोटाला कृषि और रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर चलाया गया, जिसमें निवेशकों को जमीन आवंटन या उच्च रिटर्न का वादा किया गया था. इस घोटाला मामले में अभी भी लोगों को न्याय का इंतजार है.

कैसे हुआ घोटालाकंपनी के संस्थापक निर्मल सिंह भंगू और उनके सहयोगियों ने निवेशकों से कहा कि उनका पैसा जमीन खरीदने और उसकी कीमत बढ़ने पर बेचकर मुनाफा कमाने में इस्तेमाल होगा. हालांकि, कंपनी के पास अपने नाम पर कोई जमीन नहीं थी, और यह स्कीम नए निवेशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को भुगतान करने पर आधारित थीय PACL ने 1996 से यह धोखाधड़ी शुरू की और 18 साल तक चलाई. सेबी (SEBI) ने 1999 में इसकी जांच शुरू की और 2014 में कंपनी को अवैध सामूहिक निवेश स्कीम (CIS) घोषित कर निवेशकों को 49,100 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया.

साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, जो PACL की संपत्तियों को बेचकर निवेशकों को रिफंड की प्रक्रिया देख रही है. अब तक 20 लाख से ज्यादा निवेशकों को 1,021 करोड़ रुपये तक रिफंड किए जा चुके हैं (फरवरी 2024 तक). हाल ही में, 15 अप्रैल 2025 को, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में 2,850 करोड़ रुपये के PACL घोटाले से जुड़े मामले में कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर पर छापा मारा.

अपराध से कमाए पैसों की हो रही जांचटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के सूत्रों ने बताया, पीएसीएल ने नकली रियल एस्टेट निवेश योजनाओं के जरिए निवेशकों को ठगा और बड़ी रकम वापस करने में असफल रही. ईडी के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम अपराध से कमाए पैसे की जांच कर रहे हैं, जिसे अलग-अलग लोगों को भेजा गया. तलाशी के नतीजे अभी नहीं बताए जा सकते.” खाचरियावास, जो प्रमुख कांग्रेस नेता हैं और पूर्व में अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री थे, उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है.

‘मैं ईडी से नहीं डरता हूं’अपने घर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया और मैं ईडी से नहीं डरता. मैं हमेशा मुद्दे उठाता रहा हूं, जो बीजेपी को पसंद नहीं आता.” उन्होंने इशारा दिया कि भविष्य में भाजपा को भी ऐसी ही जांच का सामना करना पड़ सकता है. खाचरियावास ने आरोपों को नकारते हुए कहा, “सोचिए, जब राहुल गांधी सत्ता में आएंगे तो भाजपा का क्या होग.” लेकिन उन्होंने कहा कि वह सरकारी अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे.

ईडी की कार्रवाई का विरोधपूर्व सीएम अशोक गहलोत ने छापेमारी की निंदा करते हुए इसे बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर लक्षित प्रयास बताया. विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने ईडी की कार्रवाई को “राजनीतिक बदला” कहा और पहले भी खाचरियावास को डराने के ऐसे ही प्रयास याद दिलाए. खाचरियावास भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं. अगस्त 2020 में ईडी ने उनसे तब भी पूछताछ की थी, जब उन्होंने सचिन पायलट के विद्रोह के दौरान गहलोत का समर्थन किया था.

First Published :

April 16, 2025, 09:09 IST

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क्या है ये पीएसीएल मामला? जिस पर ED ने खाचरियावास घर मारे छापे

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