बोर्ड परीक्षा परिणाम को लेकर शिक्षा विभाग सख्त, स्कूलों और शिक्षकों की रैंकिंग होगी तय, कम परिणाम पर नोटिस
सीकर/ राहुल मनोहर: शिक्षा विभाग ने बोर्ड कक्षाओं के परिणाम सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. विभाग ने राज्य के 19,740 सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम की जानकारी मांगी है. साथ ही, इन कक्षाओं में पढ़ाने वाले करीब एक लाख शिक्षक और व्याख्याताओं को भी अपने विषयवार परिणाम की रिपोर्ट देनी होगी.
16 नवंबर तक परिणाम रिपोर्ट अनिवार्य शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को 16 नवंबर तक शाला दर्पण पोर्टल पर परीक्षा परिणाम अपलोड करने का निर्देश दिया है. इस तिथि तक जानकारी न देने वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी. विभाग इन रिपोर्ट्स के आधार पर स्कूलों की रैंकिंग तय करेगा और कम परिणाम देने वाले शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को नोटिस जारी करेगा.
स्कूलों और शिक्षकों पर होगी कार्रवाई – 10वीं कक्षा:– संस्था प्रधान का परिणाम 50% या इससे कम होने पर नोटिस.– शिक्षक का विषयवार परिणाम 60% या इससे कम होने पर नोटिस.
– 12वीं कक्षा : – संस्था प्रधान का परिणाम 60% या इससे कम होने पर नोटिस.– शिक्षक का विषयवार परिणाम 70% या इससे कम होने पर नोटिस.
उच्च प्रदर्शन के लिए मापदंड भी तय किए गए हैं. संस्था प्रधान का 90% या अधिक परिणाम श्रेष्ठ माना जाएगा, जबकि 10वीं और 12वीं कक्षा के शिक्षकों का 100% परिणाम श्रेष्ठ श्रेणी में आएगा.
राज्य में लगभग 20 हजार स्कूल और 1 लाख शिक्षक राजस्थान में वर्तमान में 19,740 सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्कूल हैं, जिनमें 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में 65,709 वरिष्ठ अध्यापक और 37,679 व्याख्याता पढ़ा रहे हैं. 10,494 प्रिंसिपल इन स्कूलों का प्रबंधन कर रहे हैं. सभी शिक्षकों और संस्था प्रधानों को अपने विषय या स्कूल का परीक्षा परिणाम शाला दर्पण पोर्टल के रिजल्ट टैब पर 16 नवंबर तक दर्ज करना होगा.
बेहतर परिणाम के लिए सख्ती शिक्षा विभाग की इस पहल का उद्देश्य राज्य के बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार लाना और शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है. कम परिणाम वाले शिक्षकों और स्कूलों पर कार्रवाई से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है.
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 09:21 IST