बड़ा भाई कर रहा MBBS, अब छोटा भी चला उसी राह पर, गांव की सेहत सुधारने का सपना, NEET में आए 705 अंक
मनमोहन सेजू/ बाड़मेर. सरहदी जिले बाड़मेर के गांव खडीन के वरुण चौधरी अपने गांव और यहां रहने वालों से बेइंतहा प्यार करते हैं. इसलिए वे अपने गांववालों की सेहत के लिए हमेशा फिक्रमंद रहते हैं. 12वीं कक्षा के वरुण की ख्वाहिश है कि वह डॉक्टर बनकर अपने गांव वालों की सेहत को हमेशा तंदुरुस्त रखें. इसके लिए वह जी जान से मेडिकल एग्जाम की तैयारी कर रहे थे. हाल ही में जब नीट एग्जाम का रिजल्ट (NEET Exam Result 2024) आया, तो वरुण इसमें पास हुए. इसके साथ ही उन्हें अब लगता है कि उनका सपना पूरा होगा, वह डॉक्टर बनकर अपने गांव की समस्याओं का समाधान कर सकेंगे.
भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे बाड़मेर के छोटे से गांव खडीन के रहने वाले वरुण चौधरी कहते हैं कि यहां के लोग इलाज के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय जाने को मजबूर हैं. गांव के पास बेहतर अस्पताल नहीं है. इसलिए ग्रामीणों के हालात देखकर वरुण ने डॉक्टर बनकर इन लोगों की सेवा करने का सपना देखा. वरुण का चयन NEET में हुआ है. वरुण के पिता प्रेम सिंह नागौर के उप पंजीयन कार्यालय में कार्यरत हैं, वहीं मां गीतांजलि चौधरी मालू राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, रामसर में शिक्षिका हैं. वरुण ने माउंट आबू से दसवीं की परीक्षा में 93.4 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. 12वीं की परीक्षा में उन्हें 90.2 प्रतिशत नंबर मिले थे.
बड़े भाई कर रहे MBBSवरुण के बड़े भाई पीयूष चौधरी जोरा मेडिकल कॉलेज मिजोरम से MBBS कर रहे हैं. वरुण बताते हैं कि खडीन गांव में चिकित्सा सेवाएं बेहतर नहीं हैं. उनके गांव के लोगों को छोटी से छोटी बीमारी के इलाज के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय आना पड़ता है. यह बेहद खर्चीला तो है ही, परेशानी भरा भी है. ऐसे में गांव के लोगों के लिए कुछ करने का जज्बा बचपन से ही वरुण के मन में है. इसलिए उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा और नीट एग्जाम की तैयारी की. वरुण ने बताया कि वह चाहते हैं कि दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य का ऐसा ही सेटअप हो. इससे लोगों को उनके घर के पास चिकित्सा सेवाएं मिल पाएंगी. वरुण ने बताया कि उन्हें NEET में 720 में से 705 अंक आए हैं.
FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 19:28 IST