Election commission increases election expenditure for lak sabha and assembly candidates

नई दिल्ली. चुनावी खर्च को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. आयोग ने घोषणा की है कि अब लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा (Assembly) के उम्मीदवार (Candidate) पहले से ज्यादा राशि खर्च कर सकेंगे. आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक लोकसभा सीट के लिए खर्च की सीमा बड़े और छोटे राज्यों में बढ़ाकर अब क्रमशः 95 और 75 लाख रुपये कर दी गई है. वहीं विधानसभा सीट के लिए सीमा बड़े और छोटे राज्यों में क्रमशः अब 40 और 28 लाख रुपये होगी.
इससे पहले साल 2014 में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च में बढ़ोतरी की गई थी. बाद में इसे 2020 में 10 प्रतिशत और बढ़ाया गया. इसी के साथ आयोग ने अधिकारियों हरीश कुमार, उमेश सिन्हा, चंद्र भूषण कुमार की एक कमेटी बनाई थी जिससे चुनावी खर्च उससे जुड़े मुद्दों का अध्ययन करने को कहा था. इसी के आधार पर कमेटी के चुनावी खर्च की संस्तुति करनी थी.
ये हुई बढ़ोतरी
अगर लोकसभा सीटों की बात करें तो 2014 में बड़े राज्यों की सीटों पर चुनावी खर्च को 70 लाख कर दिया गया था जिसे अब 95 लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं छोटे राज्यों की सीटों पर चुनावी खर्च 2014 में 54 लाख कर दिया गया था जिसे अब बढ़ाकर 75 लाख कर दिया गया है.
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वहीं विधानसभा सीटों की बात करें तो 2014 में बड़े राज्यों की सीटों पर खर्च को 28 लाख कर दिया गया था जिसे अब 40 लाख कर दिया गया है. वहीं छोटे राज्यों की सीटों पर एक प्रत्याशी को 2014 में 20 लाख रुपये तक खर्च करने की छूट दी गई थी जिसे अब 28 लाख कर दिया गया है.
कमेटी ने इस तरह कई पक्षों से बात कर की है संस्तुति
कमेटी ने राजनीतिक पार्टियों, चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर्स और इलेक्शन ऑब्जर्वर्स से राय मांगी थी. कमेटी ने पाया कि साल 2014 के मुकाबले कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स में इजाफा हुआ है. इसके अलावा चुनाव प्रचार अभियान के बदलते तरीकों का असर भी खर्चों पर पड़ा है.
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