Electric Bus: अब आसान होगा सफर, इलेक्ट्रिक बस के सौगात से प्रदूषण मुक्त होगा भरतपुर, मिला 105 करोड़ का बजट
भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर जिले को राष्ट्रीय राजधानी एनसीआर में शामिल के बाद यहां के परिवहन ढांचे को और अधिक मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है. भरतपुर के लोहागढ़ डिपो से 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने जा रहा है. ये बसें न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल होंगी बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत और नई दिशा देंगी और परिवहन के क्षेत्र में नई पहचान होंगी.
ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी परिवहन का मिलेगा लाभ शक्ति सिंह रोडवेज प्रबंधक भरतपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि भरतपुर से जुड़े 23 प्रमुख रूट्स पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. इसमे धौलपुर, जयपुर, आगरा, दिल्ली, अलीगढ़ और अजमेर जैसे बड़े शहरों को कवर किया जाएगा. यह कदम न केवल स्थानीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा बल्कि भरतपुर को इन प्रमुख शहरों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा. इसके अलावा, अटारी जैसे गांवों को भी इन रूट्स में शामिल किया गया है. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी परिवहन का लाभ मिलेगा.
रखरखाव और संचालन पर खर्च होंगे 105 करोड़इसके साथ ही इन बसों के संचालन के लिए जयपुर, धौलपुर, अलवर, अलीगढ़ और दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके अलावा, बसों के रखरखाव और संचालन पर लगभग 105 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह परियोजना स्वायत्त शासन निदेशालय और कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड CESLद्वारा संचालित की जाएगी. साथ ही इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से न केवल डीजल पर खर्च कम होगा बल्कि प्रदूषण स्तर को भी नियंत्रित किया जा सकेगा.
हरित शहर बनेगा भरतपुर खास बात यह है कि इन बसों के किराए को सामान्य बसों के बराबर रखा जायेगा ताकि यात्री बिना किसी अतिरिक्त खर्च के इनका लाभ उठा सकें. भरतपुर में परिवहन सुधार के इस प्रयास को 2026 तक सभी रूट्स पर लागू करने की योजना है. इससे न केवल भरतपुर, बल्कि आसपास के कस्बों और गांवों को भी फायदा होगा. इस पहल से भरतपुर जिला पर्यावरण के प्रति जागरूक और आधुनिक परिवहन सेवा का उदाहरण बनेगा. यह प्रयास भरतपुर को एक हरित और आधुनिक शहर बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा.
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FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 17:54 IST